टीबी,कुष्ठ रोग का इलाज कराएगी आरबीएसके की टीम
टीबी और कुष्ठ रोग पर प्रभावी नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक और अनूठी पहल की है। अब राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में बचों का स्वास्थ्य परीक्षण कर टीबी और कुष्ठ रोग की भी पहचान करेंगी।
महराजगंज: 'टीबी और कुष्ठ रोग पर प्रभावी नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक और अनूठी पहल की है। अब राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर टीबी और कुष्ठ रोग की भी पहचान करेंगी। इसके बाद चिन्हित बच्चों को निर्धारित केन्द्रों पर इलाज कराएगी।
दरअसल आरबीएसके की कुल 12 ब्लाकों में 24 टीमें तैनात हैं, जो न्यूरल ट्यूब डिटेक्ट, क्लैप फ़ुट, जन्मजात हृदय रोग, रेटिना दोष, मोतियाबिन्द, जन्मजात गूंगापन, डाउन सिन्ड्रोम, कूल्हे का खिसकना, कुपोषण, विटामिन सी की कमी, दांतों की बीमारियां सहित 38 रोगों का इलाज कराती रही हैं। लेकिन भारत सरकार ने टीबी को वर्ष 2025 तक जड़ से समाप्त करने का संकल्प लिया है। ऐसी स्थिति में यह एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इसके तहत आरबीएसके की टीम स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का निश्शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान उनमें टीबी और कुष्ठ रोगों की पहचान कर इलाज भी कराएंगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. विवेक श्रीवास्तव ने कहा कि सिसवा, फरेंदा, धानी, बृजमनगंज, लक्ष्मीपुर और रतनपुर ब्लाक आरबीएसके टीम को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
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कुष्ठ रोग व टीबी के लक्षण
डिप्टी सीएमओ डाक्टर आइए अंसारी ने कहा कि शरीर में किसी भी प्रकार के दाग धब्बे में सुन्नपन है तो संभवत: वह कुष्ठ का लक्षण हो सकता है। तंत्रिका तंत्र के कुष्ठ द्वारा प्रभावित होने पर संबंधित अंग काम करना बंद कर देते हैं। हाथ-पैरों में विकलांगता आ जाती है। यह संक्रमण से फैलता है। जबकि टीबी के लक्षण में खांसी, पसीना आना, बुखार रहना, वजन घटना, सांस लेने में परेशानी आदि आते हैं।