मनरेगा घोटाला: फर्जी जाबकार्ड बना भुगतान करा लिया लाखों रुपये

बिना काम कराए ही घोटालेबाज इतनी बड़ी धनराशि डकार गए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 May 2021 11:36 PM (IST) Updated:Sat, 29 May 2021 11:36 PM (IST)
मनरेगा घोटाला: फर्जी जाबकार्ड बना भुगतान करा लिया लाखों रुपये
मनरेगा घोटाला: फर्जी जाबकार्ड बना भुगतान करा लिया लाखों रुपये

महराजगंज: परतावल ब्लाक के बरियरवा में तालाब सुंदरीकरण के नाम पर 25.87 लाख रुपये घोटाले का मामला उजागर होते ही जिम्मेदारों पर गाज गिरने लगी है। बिना काम कराए ही घोटालेबाज इतनी बड़ी धनराशि डकार गए। घोटाले का पूरा खेल डीआरडीए, परतावल विकास खंड व वन विभाग के कुछ कर्मचारियों व ठीकेदार की मिलीभगत से खेला गया। 18 लाख रुपये का भुगतान अकेले अंकित इंटरप्राइजेज नाम की फर्म को हुआ। यह फर्म ठीकेदार दिनेश मौर्य की बताई जा रही है। बाकी बची 7.87 लाख धनराशि मनरेगा मजदूरों के खाते में ट्रांसफर कर दी गई। यह कथित मजदूर ठीकेदार के गांव सतभरिया व तरकुलवा के हैं। ठीकेदार के इशारे पर फर्जी जाबकार्ड बनाकर इस धन को डकारा गया।

घोटोले की पटकथा सितंबर 2019 में लिखी गई थी। पंचायत विभाग की आइडी को वन विभाग में ट्रांसफर कराकर घोटालेबाज दो सितंबर 2019 को कार्य शुरू बता रहे हैं। 29 अप्रैल 2020 को लिखा-पढ़ी में इस कार्य को पूर्ण दिखा दिया गया। पूरे क्षेत्र को पेड़-पौधों से आच्छादित भी कर दिया गया। विकास कार्यों की यह गंगा सिर्फ कागजों में बही। अनियमितता का आलम यह रहा कि मौके पर कोई कार्य नहीं हुआ। इस दौरान नियम कानून को कदम-कदम पर तोड़ा गया। न तो कोई कार्य योजना बनी और न ही वन विभाग की तरफ से कार्य कराने का कोई अनुमोदन ही किया गया था। बावजूद वन विभाग को आइडी ट्रांसफर कर भुगतान करा लिया गया। भुगतान के लिए पहला डोंगल वन विभाग के लेखाकार का लगा है। डीएफओ ने मुख्य वन संरक्षक को भेजी रिपोर्ट:

डीएफओ पुष्प कुमार के ने पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मुख्य वन संरक्षक को भेजी है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि परतावल विकास खंड के जिस गांव में तालाब सुंदरीकरण का कार्य बताया जा रहा है, वह क्षेत्र गोरखपुर वन विभाग के अन्तर्गत आता है। सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग से इसका कोई लेना-लेना नहीं है। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। एपीओ मनरेगा विनय कुमार मौर्य की सेवा समाप्त कर दी गई है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके विरूद्ध विभागीय व विधिक कार्रवाई की जाएगी।

डा. उज्ज्वल कुमार, डीएम, महराजगंज

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