जवानों ने बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं का दिया संदेश

महराजगंज: शिक्षा वहा दूध है जो उसे पी लेता है वह दिन व रात दहाड़ता है। जिस प्रकार से वतन की बागडोर

By Edited By: Publish:Fri, 27 Mar 2015 10:41 PM (IST) Updated:Fri, 27 Mar 2015 10:41 PM (IST)
जवानों ने बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं का दिया संदेश

महराजगंज:

शिक्षा वहा दूध है जो उसे पी लेता है वह दिन व रात दहाड़ता है। जिस प्रकार से वतन की बागडोर सेना के हाथ मे है ठीक उसी प्रकार देश की नींव को मजबूत करने का दायित्व शिक्षकों के हाथ में है। ये उक्त बातें बंधुत्व साइकिल रैली के लीडर लोकेश ने शुक्रवार को ठूठीबारी के एसएसबी कैंप में कही। साथ ही कहां कि एसएसबी बंधुत्व की भावना फैलाती है। एक दूसरे को सच्ची भावना से देखना ही बन्धुत्व है। आपस में भाईचारा, मेलजोल, प्रेम होना ही बंधुत्व है। एसएसबी के उच्चधिकारी साहु ने एसएसबी पर प्रकाश डालते हुए कहां कि सशस्त्र सीमा बल का गठन 1963 में हुआ था तब इसका नाम स्पेशल सर्विस ब्यूरो था लेकिन कारगिल युद्ध के बाद इसे सेवा सुरक्षा बंधुत्व के नाम से जाना जाता है।

एक मार्च से उत्तराखंड के डीडी हार्ट से चलकर विभिन्न बीओपी कैंप से होकर सिक्किम तक जाने वाली बंधुत्व साइकिल रैली के सत्ताइसवें दिन नौतनवा से ठूठीबारी एसएसबी कैंप पहुंची। जहां सहायक सेनानायक असीम उपाध्याय ने डिप्टी कमांडेट मनीष कुमार सहित अन्य ने रैली में शामिल जवानों का जोरदार ढंग से स्वागत किया। इस दौरान सहायक सेनानायक असीम उपाध्याय ने कहा कि बंधुत्व का अलख जगाना ही एसएसबी का काम है। जब तक भाई चारे की भावना रहेगी तो देश का विकास होगा। इसी का संदेश लेकर यह रैली चली। इस दौरान दोनों देश के सेना के अधिकारी मौजूद रहें जिसमें नेपाल सीमा प्रहरी के इंस्पेक्टर राजू शर्मा, सशस्त्र बल के सुदीप रेगमी, नेपाल मैत्री संघ के पदाधिकारी व भारतीय कस्टम इंस्पेक्टर एसके पटेल, कोतवाली प्रभारी बृजेश कुमार सिंह, व्यापार मंडल अध्यक्ष भवन गुप्ता, चंद्रशेखर, व सैकड़ों लोग मौजूद रहें।

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