उत्सव मनाएं, पर संभलकर

महराजगंज: दीपावली त्योहार के बस चंद दिन ही बाकी है। यह पर्व गुरुवार को मनाया जाएगा। बच्चे, बडे़, बूढ

By Edited By: Publish:Wed, 22 Oct 2014 12:22 AM (IST) Updated:Wed, 22 Oct 2014 12:22 AM (IST)
उत्सव मनाएं, पर संभलकर

महराजगंज: दीपावली त्योहार के बस चंद दिन ही बाकी है। यह पर्व गुरुवार को मनाया जाएगा। बच्चे, बडे़, बूढे़ सभी पर्व को लेकर उत्साहित हैं। इस दिन करोड़ों रुपये की आतिशबाजी धुएं में उड़ जाती है। अक्सर छोटी सी असावधानी बड़ी दुर्घटना का कारण बन जाती हैं। यह आतिशबाजी पर्यावरण के लिए खतरा बने हुए हैं। लिहाजा आतिशबाजी से परहेज कर पर्व को संभलकर सौहार्द पूर्ण रूप से मनाया जाना चाहिए।

दीप जलाएं, खुशियां बांटें

जिलाधिकारी सुनील कुमार श्रीवास्तव ने कहा दीपावली अंधकार पर प्रकाश का पर्व है। हमारी परम्परा है कि इस दिन हम लक्ष्मी गणेश का पूजन कर सौहार्द पूर्ण वातावरण में आतिशबाजी कर खुशियां मनाते हैं। लेकिन इस पर्व को लेकर सतर्कता भी जरूरी है। खतरनाक आतिशबाजी के प्रयोग से लोगों को बचना चाहिए। बच्चे अति उत्साह में कहीं कोई दुर्घटना न कर बैठे इस पर अभिभावकों को अपनी निगाह रखने की जरूरत होती है।

पुलिस अधीक्षक अतुल शर्मा ने कहा कि दीपावली पर्व को उत्साह के साथ मनाएं। प्रेम के दीप जलाकर खुशियां बांटे। तीव्र ध्वनि के आतिशबाजी से परहेज करें। अपनी खुशी के लिए आस पास के लोगों की खुशियों में खलल न उत्पन्न करें। समाज में सौहार्द का वातावरण बनाएं।

तेज आवाज वाले पटाखा से करें परहेज

नगर पालिका अध्यक्ष रीता भारती ने कहा कि दीपों को सजाने व आतिशबाजी छोड़ने के समय भी सतर्कता जरूरी है। साथ ही उन्होंने कहा कि जहां स्वच्छता, प्रेम भाव, बुजुर्गो के प्रति सम्मान और सौहार्द की भावना होती है, वहीं लक्ष्मी निवास करती हैं। लक्ष्मीवान बनने के लिए जरूरी है कि सदगुणों व संस्कारों को विकसित किया जाए।

जिला पंचायत अध्यक्ष धर्मा देवी ने कहा कि प्रकाश पर्व दीपावली पर मूल उद्देश्यों से हट कर अक्सर लोग आतिशबाजी की होड़ में लाखों रुपये विभिन्न प्रकार के बड़े पटाखों पर खर्च कर देते हैं। इससे जहां पर्यावरण प्रदूषित होता है, वहीं कमजोर, छोटे बच्चे तथा मरीजों पर इसके तीव्र ध्वनि का बुरा असर भी पड़ता है। पर्यावरण के साथ ही हमें स्वास्थ्य को देखकर ही कोई कदम उठाना चाहिए।

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