Yogi Sarkar 2.0: अनुभव और उपयोगिता को देखकर सौंपे गए यूपी सरकार के कई मंत्रियों को विभाग

Yogi Cabinet Portfolios योगी मंत्रिपरिषद ने 25 मार्च को शपथ ली। उसके बाद से ही विभागों के बंटवारे की प्रतीक्षा की जा रही थी। मंत्रियों के कद और प्रभाव का आकलन करते हुए विभाग दिए जाने की संभावना जताई जा रही थी। सोमवार को विभागों का बंटवारा कर दिया गया।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 28 Mar 2022 10:29 PM (IST) Updated:Tue, 29 Mar 2022 06:07 AM (IST)
Yogi Sarkar 2.0: अनुभव और उपयोगिता को देखकर सौंपे गए यूपी सरकार के कई मंत्रियों को विभाग
Yogi Cabinet Portfolios: योगी कैबिनेट 2.0 के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो गया है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उपयोगिता देख-देखकर जिस तरह से योगी मंत्रिपरिषद का गठन किया गया, ठीक उसी तर्ज पर कई मंत्रियों को विभाग भी उनके अनुभव और उपयोगिता को देखते हुए सौंपे गए हैं। नवगठित मंत्रिपरिषद के बीच काम का बंटवारा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे अधिक 34 विभाग अपने पास रखे हैं।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के हाथ से लोक निर्माण विभाग फिसलकर जितिन प्रसाद के पास पहुंचा है। केशव ग्राम्य विकास, समग्र ग्राम विकास और राष्ट्रीय एकीकरण जैसे विभाग देखेंगे। वहीं, कैबिनेट मंत्री से पदोन्नत होकर पहली बार उपमुख्यमंत्री बने ब्रजेश पाठक का बढ़ा कद विभागों में भी दिखा है। उन्हें चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी दी गई है।

योगी मंत्रिपरिषद ने 25 मार्च को शपथ ली। उसके बाद से ही विभागों के बंटवारे की प्रतीक्षा की जा रही थी। मंत्रियों के कद और प्रभाव का आकलन करते हुए विभाग दिए जाने की संभावना जताई जा रही थी। सोमवार को विभागों का बंटवारा कर दिया गया। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली बार वाले लगभग सभी विभाग अपने पास रखे हैं। वह कुल 34 विभाग संभालेंगे।

बदलाव की बात करें तो पिछली बार जो न्याय और विधायी विभाग ब्रजेश पाठक के पास थे, वह अब सीएम के पास हैं, जबकि योगी के पास रहा राष्ट्रीय एकीकरण अब उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के हिस्से में आया है। केशव के पास पहले लोक निर्माण विभाग जैसा महत्वपूर्ण विभाग था। इस बार भी उन्हें विकास से जुड़ा विभाग मिला है, लेकिन पीडब्ल्यूडी के स्थान पर ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास तथा ग्रामीण अभियंत्रण सहित छह विभाग मिले हैं। इनमें खाद्य प्रसंस्करण, मनोरंजन कर एवं सार्वजनिक उद्यम विभाग बरकरार रखा गया है।

पहले ग्रामीण अभियंत्रण ब्रजेश पाठक के पास था। अब उपमुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें ऐसे विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह जनसेवा के क्षेत्र में खुद को साबित कर सकें। उन्हें आमजन से जुड़े महत्वपूर्ण विभाग मिले हैं। इनमें चिकित्सा शिक्षा के अलावा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग का दायित्व सौंपा गया है।

कोरोना काल के बाद से स्वास्थ्य विभाग और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। उपमुख्यमंत्री रहे डा. दिनेश शर्मा इस बार मंत्रिपरिषद में नहीं हैं। माध्यमिक शिक्षा छोड़कर उनके वाले सभी विभाग जैसे उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी, इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी योगेंद्र उपाध्याय को मिले हैं।

क्षमता, उपयोगिता और अनुभव देखकर जिम्मा

स्वतंत्र देव सिंह : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के पहले तक पिछली सरकार में परिवहन मंत्री का दायित्व संभाल चुके स्वतंत्र देव सिंह को इस बार जल शक्ति तथा बाढ़ नियंत्रण का जिम्मा सौंपा गया है। वह बुंदेलखंड के ही रहने वाले हैं। यह क्षेत्र जल संकट से जूझता रहा है। वहां सरकार हर घर जल पहुंचाने की योजना चला रही है। क्षेत्र के जानकार स्वतंत्रदेव इस दायित्व को अच्छे से निभा सकते हैं।

जितिन प्रसाद : योगी सरकार-1.0 के अंतिम विस्तार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री बनाए गए जितिन प्रसाद को इस बार उनके अनुभव के हिसाब से काम सौंपा गया है। कांग्रेस शासित केंद्र सरकार में भूतल परिवहन मंत्री रहे जितिन को इस बार लोक निर्माण विभाग दिया गया है।

अरविंद कुमार शर्मा : स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर राजनीति में आए पूर्व आइएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा का लंबा प्रशासनिक अनुभव रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खास अधिकारियों में शामिल रहे शर्मा ने कई केंद्रीय योजनाओं को धरातल पर उतारने में खास भूमिका निभाई है। इसे देखते हुए ही उन्हें नगर विकास, शहरी समग्र विकास और ऊर्जा जैसे आधारभूत विकास वाले विभाग सौंपे गए हैं।

बेबी रानी मौर्य : महिला होने के नाते बेबी रानी मौर्य को महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग दिया है। वह इनका महत्व समझ सकती हैं। इससे पहले योगी सरकार 1.0 में यह जिम्मेदारी सांसद बनने से पहले डा. रीता बहुगुणा जोशी तो उनके बाद स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री के रूप में स्वाती सिंह संभाल चुकी हैं।

आशीष पटेल : अपना दल (एस) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल खुद इंजीनियर हैं। वह इस क्षेत्र की समझ रखते हैं, इसलिए प्राविधिक शिक्षा मंत्री उन्हें बनाया गया है।

संजय निषाद : भाजपा के गठबंधन सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने गठबंधन ही इस शर्त पर किया था कि निषाद समाज के कल्याण के लिए काम किया जाए। ऐसे में कैबिनेट मंत्री बनाए गए संजय निषाद को निषाद समाज से सीधा जुड़ा मत्स्य विभाग दे दिया गया है।

असीम अरुण : स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों में असीम अरुण अनुसूचित जाति से आते हैं। समाज सेवा के संकल्प के साथ आइपीएस से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले असीम को समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग देकर सेवा की असीम संभावनाओं वाली राह दिखा दी गई है।

नरेंद्र कश्यप : भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप को स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्यमंत्री बनाया गया है। वह पार्टी के लिए पिछड़ा वर्ग में काम कर रहे थे, इसलिए सरकार में भी पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग संभालेंगे।

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