खीरा के मोलभाव में हुई मारपीट में घायल किसान की मौत, ग्रामीणों ने किया हाईवे जाम
ग्रामीणों का आरोप है कि मामले में नामजद आठ आरोपितों में से मुख्य तीन आरोपित अभी फरार हैं। पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पाई है।
रायबरेली, जेएनएन। खीरे जैसी मामूली चीज के मोल भाव को लेकर विवाद इतना बढ़ गया किसान को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। तीन दिन पहले कीमत को लेकर दो लोगों में विवाद हो गया, जिसके बाद एक पक्ष ने दूसरे पर धावा बोल दिया और जमकर मारपीट की। इस दौरान किसान समेत कई लोग घायल हो गए।सोमवार को घायल किसान की मौत से नाराज ग्रामीणों ने हाइवे जामकर हंगामा किया।
शिवगढ़ थाना क्षेत्र के नरई मजरे कोंसा गांव में खीरा के भाव को लेकर किसान से उसी गांव के एक शख्स से झगड़ा हो गया। ये बात तीन दिन पहले की है। उसी शाम उस शख्स ने अपने साथियों के साथ मिलकर किसान के घर पर हमला बोल दिया। जिसमें गुरुशरण समेत करीब दस लोग घायल हो गए। इन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान सोमवार की रात इलाज के दौरान गुरुशरण की मौत हो गई। यह जानकारी मिलते ही गांव में आक्रोश फैल गया। करीब एक सैकड़ा लोग बांदा-बहराइच हाईवे पर भवानीगढ़ चौराहे के निकट इकट्ठा हो गए और हाईवे पर जाम लगा दिया। गुरुशरण का शव अभी मौके पर नहीं पहुंचा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि मामले में नामजद आठ आरोपितों में से मुख्य तीन आरोपित अभी फरार हैं। पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पाई है। साथ ही मुकदमें में हत्या की धारा लगाने की मांग भी हो रही है। उधर, बवाल की आशंका से शिवगढ़ के अलावा आसपास के थानों की फोर्स, सीओ और एसडीएम महराजगंज भी मौके पर पहुंच गए हैं। एसओ धीरेंद्र यादव का कहना है कि इस केस में गैर इरादतन हत्या की धारा ही बढ़ सकती है। दूसरे आराेपितों की तलाश की जा रही है।