लॉकडाउन के बीच चीनी के उत्पादन में उत्तर प्रदेश ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 125.46 लाख टन चीनी तैयार

Sugar Production In Uttar Pradesh कोरोना काल में जहां पूरी दुनिया संकट का सामना कर रही है वहीं उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने चीनी उत्पादन में नया कीर्तिमान बनाया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 07:37 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 01:39 AM (IST)
लॉकडाउन के बीच चीनी के उत्पादन में उत्तर प्रदेश ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 125.46 लाख टन चीनी तैयार
लॉकडाउन के बीच चीनी के उत्पादन में उत्तर प्रदेश ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 125.46 लाख टन चीनी तैयार

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना काल में जहां पूरी दुनिया संकट का सामना कर रही है, वहीं उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने चीनी उत्पादन में नया कीर्तिमान बनाया है। देश में चीनी के सबसे बड़े उत्पादक उत्तर प्रदेश में 31 मई तक 125.46 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है, जो कि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 7.65 लाख टन ज्यादा होने के साथ-साथ राज्य में अब तक का रिकॉर्ड उत्पादन है। हालांकि राज्य में अब भी एक दर्जन मिलों में गन्ना पेराई कार्य जारी है।

कोरोना संकट में जब लाकडाउन के अधिकतर उद्योग धंधे बंद रहें तब उप्र ने चीनी उत्पादन में अपना ही रिकॉर्ड तोड सबको चौंका दिया। चीनी उत्पादन में लीडर माने जाने वाले महाराष्ट्र को भी उत्तर प्रदेश ने काफी पीछे छोड़ दिया है। महाराष्ट्र में इस पेराई सत्र में मात्र 60.98 लाख टन चीनी का उत्पादन ही हो सका जो गत सत्र की तुलना में 46.2 लाख टन कम है। उत्तर प्रदेश चीनी उत्पादन में न केवल देश में अव्वल रहा वरन सर्वाधिक चीनी बनाने का अपना पेराई सत्र 2017-18 का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया, तब कुल 120.8 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था। सत्र 2019-20 में प्रदेश में 117.81 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।

दरअसल, उत्तर प्रदेश में इस वर्ष गन्ना पेराई सत्र थोड़ा लंबा हुआ है, क्यूोंकि लॉकडाउन के चलते ज्यादातर गुड़ और खंडसारी इकाइयों ने अपना संचालन बंद कर दिया था और वहां का सारा गन्ना चीनी मिलों में भेज दिया गया है, जिसके चलते मिलों के पास इस सीजन में ज्यादा गन्ना पेराई के लिए आया और चीनी उत्पादन में भी भारी बढ़ोतरी दिखी। इस सत्र में कुल 119 मिलों ने पेराई कार्य आरंभ किया था। खेतों में गन्ना माैजूद होने के कारण करीब एक दर्जन चीनी मिलें अभी संचालित है।

अधिक व व्यवस्थित ढंग से पर्चियां मिलीं : यूपी के गन्ना आयुक्त संजय आर भूडरेड्डी का कहना है कि कोरोना महामारी जैसी वैश्विक आपदा में चीनी मिलों का संचालन जारी रखने से गन्ना पेराई और चीनी उत्पादन में कीर्तिमान बनाने में कामयाबी मिली। गन्ना पर्ची वितरण की नई व्यवस्था लागू की गई, जिसमें किसानों को गत सत्र की तुलना में अधिक व व्यवस्थित ढंग से पर्चियां मिल पाई। गत पेराई सत्र में 5.5 करोड़ गन्ना पर्चियां जारी की गई थी, जबकि इस बार अब तक 6.13 करोड़ पर्चियां वितरित हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के 46.2 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों से अब तक 10,715.40 लाख क्विंटल गन्ना खरीदा गया, जबकि गत पेराई सत्र की सामान्य परिस्थितियों में मात्र 10,118.77 क्विंटल गन्ने की पेराई हुई थी।

किसानों का गन्ना नष्ट न होने देंगे : उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने चीनी के रिकॉर्ड उत्पादन का श्रेय राज्य के किसानों व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते हुए कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण जैसी विषम परिस्थितियों में उनके कड़े निर्देश पर ही मिलों में गन्ना पेराई जारी रखी गई। चीनी मिलें संचालित रखने के लिए अन्य राज्यों से जरूरी सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। उन्होंने दावा किया कि किसानों का गन्ना नष्ट नहीं होने दिया जाएगा। खेतों में गन्ना मौजूद रहने तक उन क्षेत्रों में चीनी मिलें पेराई करती रहेंगी।

विभिन्न प्रदेशों में चीनी उत्पादन की स्थिति राज्य : चीनी लाख टन उत्तर प्रदेश : 125.46 महाराष्ट्र :  60.98 कर्नाटक : 33.82 तमिलनाडू : 05.78 गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उड़ीसा : 42.17

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