डिजिटल लर्निंग की कसौटी पर भी परखे जाएंगे उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षक, बीएसए करेंगे मॉनिटरिंग

उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के शिक्षक बच्चों को पढ़ाने में डिजिटल तकनीक का कितना इस्तेमाल कर रहे हैं अब इस पर भी बेसिक शिक्षा विभाग की नजर होगी।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 09 Sep 2020 08:52 AM (IST) Updated:Wed, 09 Sep 2020 09:02 AM (IST)
डिजिटल लर्निंग की कसौटी पर भी परखे जाएंगे उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षक, बीएसए करेंगे मॉनिटरिंग
डिजिटल लर्निंग की कसौटी पर भी परखे जाएंगे उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षक, बीएसए करेंगे मॉनिटरिंग

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के शिक्षक अब डिजिटल लर्निंग की कसौटी पर भी परखे जाएंगे। वे बच्चों को पढ़ाने में डिजिटल तकनीक का कितना इस्तेमाल कर रहे हैं, अब इस पर भी बेसिक शिक्षा विभाग की नजर होगी। विभाग की ओर से विकसित प्रेरणा पोर्टल पर उपलब्ध सपोर्टिव सुपरविजन डैशबोर्ड के आधार पर इसकी नियमित समीक्षा की जाएगी।

कोरोना आपदाकाल के दौरान स्कूल बंद होने के कारण बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई में डिजिटल तकनीक के उपयोग पर जोर दे रहा है। विभाग यह भी सुनिश्चित करना चाहता है कि बच्चों की डिजिटल लर्निंग के लिए शिक्षकों को जो प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराये गए हैं, शिक्षक उनका सदुपयोग कर रहे हैं या नहीं। अब इसकी मॉनिटरिंग होगी।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को निर्देश दिया है कि अपनी अध्यक्षता में प्रत्येक शनिवार को होने वाली समीक्षा बैठक में वे यह भी देखें कि शिक्षक दीक्षा ऐप पर पंजीकृत हैं या नहीं? शिक्षक इस ऐप का नियमित उपयोग कर रहे हैं या नहीं? दीक्षा ऐप के माध्यम से शिक्षकों ने कितना कोर्स पूरा किया है, अब इसकी भी मॉनिटरिंग होगी। बच्चों को नए तौर-तरीके और रुचिकर तरीके से पढ़ाने के लिए विभाग की ओर से विकसित कराए गए अध्यापक शिक्षण संग्रह, ध्यानाकर्षण और आधारशिला मॉड्यूल का अध्यापक नियमित उपयोग कर रहे हैं या नहीं, इस पर भी नजर रखी जाएगी।

गौरतलब है कि बच्चों की डिजिटल लर्निंग के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने दीक्षा ऐप विकसित किया है। इस ऐप के माध्यम से पाठ्यक्रम से संबंधित 5000 से ज्यादा वीडियो उपलब्ध कराये गए हैं। क्यूआर कोड के जरिये पाठ्यपुस्तकों से संबंधित 3000 से ज्यादा वीडियो कंटेंट मुहैया कराया जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग ने बच्चों को ज्ञानवर्धक वीडियो कंटेंट उपलब्ध कराने के लिए यू-ट्यूब चैनल और वेबसाइट भी शुरू की है।

chat bot
आपका साथी