भ्रष्टाचार में यूपी सिडको के तीन इंजीनियर निलंबित, काम किए बिना फर्मों को दिलवा दिए 4.80 करोड़ एडवांस

यूपी स्टेट कंस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (यूपी सिडको) ने भ्रष्टाचार के मामले में तीन इंजीनियरों को निलंबित कर दिया। इनमें मुख्य अभियंता केके शर्मा अधीक्षण अभियंता विनोद चंद्र पाण्डेय व सहायक अभियंता वासुदेव तिवारी शामिल हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 02:44 AM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 07:04 AM (IST)
भ्रष्टाचार में यूपी सिडको के तीन इंजीनियर निलंबित, काम किए बिना फर्मों को दिलवा दिए 4.80 करोड़ एडवांस
यूपी सिडको ने गुरुवार को भ्रष्टाचार के मामले में तीन इंजीनियरों को निलंबित कर दिया।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। समाज कल्याण विभाग की निर्माण इकाई यूपी स्टेट कंस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (यूपी सिडको) ने गुरुवार को भ्रष्टाचार के मामले में तीन इंजीनियरों को निलंबित कर दिया। इनमें मुख्य अभियंता केके शर्मा, अधीक्षण अभियंता विनोद चंद्र पाण्डेय व सहायक अभियंता वासुदेव तिवारी शामिल हैं। इन पर आरोप है कि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा महाराष्ट्र में निर्माण कार्यों के दौरान बगैर काम किए फर्मों को 4.80 करोड़ रुपये एडवांस दिलवा दिए। जांच में मामला सही पाए जाने के बाद यूपी सिडको के प्रबंध निदेशक ने तीनों अभियंताओं को निलंबित कर दिया है। इनके खिलाफ एफआइआर दर्ज करने व नुकसान की वसूली करने के निर्देश दिए गए हैं। 

यूपी सिडको के प्रबंध निदेशक शिव प्रसाद ने बताया कि यह मामला वर्ष 2009 से 2015 के बीच का है। उस समय केके शर्मा वहां अधिशासी अभियंता के पद पर तैनात थे। वे वर्तमान में मुख्य अभियंता पश्चिम के पद पर हैं। विनोद चंद्र पांडेय भी उस समय अधिशासी अभियंता के पद पर तैनात थे। तीसरे अभियंता वासुदेव तिवारी सहायक अभियंता के पद पर थे। इन लोगों ने काम करने वाली तीन फर्मों को 4.80 करोड़ रुपये का एडवांस दिलवा दिया। यह मामला तब खुला जब वहां दूसरे अभियंताओं की तैनाती की गई। मामले की जांच के लिए मुख्य अभियंता ओपी सिंह की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच कमेटी ने जब वर्धा विश्वविद्यालय में पड़ताल की तो सारा मामला खुल गया।

यूपी सिडको के प्रबंध निदेशक शिव प्रसाद ने बताया कि इस मामले में तीनों अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा तीन अवकाश प्राप्त कर्मचारियों के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज कराकर नुकसान की वसूली करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि एक ऐसे आरोपित भी हैं जिनका अब निधन हो गया है।

तीन कंपनियों पर भी एफआइआर : यूपी सिडको के प्रबंध निदेशक ने इस मामले में आरोपित कंपनी मेसर्स राज कंस्ट्रक्शन, अमरजीत इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड व मेसर्स एसएस इंजीनियरिंग पर भी एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही तीनों फर्मों को काली सूची में डाल दिया गया है। इनकी सिक्योरिटी मनी करीब 2.50 करोड़ रुपये जब्त कर ली गई है। अवशेष धनराशि की भी वसूली के आदेश दिए गए हैं।

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