UP Chunav 2022: अपर्णा यादव को इस सीट से चुनाव लड़ा सकती है भाजपा, जान‍िए क्‍यों है ऐसी सुगबुगाहट

UP Vidhan Sabha Chunav 2022 अपर्णा यादव को लखनऊ या आसपास के क‍िसी जिले की सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। बाराबंकी की सदर क्षेत्र में अपर्णा यादव प‍िछले द‍िनों काफी सक्रिय भी रही हैं। यह सीट राजनीतिक और जातीय समीकरण से भी उनके अनुकूल है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 08:24 PM (IST) Updated:Fri, 21 Jan 2022 07:48 AM (IST)
UP Chunav 2022: अपर्णा यादव को इस सीट से चुनाव लड़ा सकती है भाजपा, जान‍िए क्‍यों है ऐसी सुगबुगाहट
भाजपा नेता कर रहे जानकारी से इन्कार, जिलाध्यक्ष बोले-जिसे टिकट मिलेगा जिताएंगे।

बाराबंकी, [जगदीप शुक्‍ल]। भाजपा में बुधवार को सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव के शामिल होने के बाद जिले की सदर सीट से उनके चुनाव लड़ने सुगबुगाहट है। उनको लखनऊ या आसपास के जिले की किसी सीट से चुनाव लड़ाने की संभावना के दृष्टिगत इस सीट को मुफीद माना जा रहा है। ऐसे में भाजपा नेता भले ही इस संबंध में जानकारी से इन्कार कर रहे हों लेकिन बीते वर्षों में अपर्णा की जिले में सक्रियता ने इन चर्चाओं को बल दिया है।

सक्रियता के निकाले जा रहे मायने : अपर्णा यादव की सदर क्षेत्र में सक्रियता को उनके राजनीतिक करियर से जोड़कर देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषक/साहित्यकार अजय सिंह गुरुजी बताते हैं कि अपर्णा की इस क्षेत्र में सक्रियता भी रही है। लखनऊ या आसपास की सीट के उनके चुनावी मैदान में उतरने की संभावना के दृष्टिगत यह सीट राजनीतिक और जातीय समीकरण से भी अनुकूल रहेगी।

चर्चा में रहा था बयान : एक नवंबर 2018 को वह देवा शरीफ आईं थीं। तब उनका बयान ‘मैं राम के साथ हूं, चाहती हूं अयोध्या में बने राम मंदिर’ चर्चा बना था। इसके अलावा जिले के सैनिक पब्लिक स्कूल और मुंशी रघुनंदन सरदार पटेल महिला महाविद्यालय व अन्य स्थानों पर भी आती रही हैं। इसे स्थानीय लोगों से उनका जुड़ाव होने से जोड़कर देखा जा रहा है।

यह हैं जातीय आंकड़े : विधानसभा क्षेत्र में 368026 मतदाता हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार यहां ब्राह्मण सात प्रतिशत, क्षत्रिय आठ, कायस्थ पांच, वैश्य आठ, मुस्लिम 20, अन्य सामान्य दो, यादव 14, कुर्मी 10, मौर्या दो, लोध 0.5, कहार 0.3, गड़रिया 0.5, निषाद 0.2, अन्य पिछड़ा 2.5, गौतम आठ, रावत 10 और अन्य दो प्रतिशत मतदाता हैं।

'अभी इस संबंध में कोई संकेत नहीं मिले हैं। प्रत्याशी का निर्णय नेतृत्व करता है। जिसे भी प्रत्याशी बनाया जाएगा उसे हम कार्यकर्ता जिताने का काम करेंगे। यदि अपर्णा यादव को प्रत्याशी बनाया जाता है तो भी परिणाम अनुकूल रहेंगे।'   -शशांक कुशमेश, जिलाध्यक्ष, भाजपा।

chat bot
आपका साथी