UP Budget 2020: बजट में गुम हुई गोमती तो रिवर फ्रंट को रख रखाव के लिए मिला 15 करोड़ तो जेपी सेंटर को 40

लखनऊ में सपा सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट को भाजपा सरकार ने दी ऑक्सीजन गोमती रिवर फ्रंट को भी 15 करोड़ दिए।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 19 Feb 2020 11:07 AM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 11:07 AM (IST)
UP Budget 2020: बजट में गुम हुई गोमती तो रिवर फ्रंट को रख रखाव के लिए मिला 15 करोड़ तो जेपी सेंटर को 40
UP Budget 2020: बजट में गुम हुई गोमती तो रिवर फ्रंट को रख रखाव के लिए मिला 15 करोड़ तो जेपी सेंटर को 40

लखनऊ, जेएनएन। योगी सरकार में सपा सरकार के दो ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए बजट में प्रावधान करके उनको प्राणवायु दी है।  रिवर फ्रंट की देखरेख के लिए पिछले साल में 27 करोड़ का बजट दिया गया जो कि दो साल के लिए था, इस बार भी 15 करोड़ दिया गया है। दूसरी ओर जेपी सेंटर के लिए 40 करोड़ के बजट की मांग पूरी की गई है। इससे ये केंद्र इस साल शुरू किया जा सकेगा।

गोमती रिवर फ्रंट के काम अब समाप्त हो चुके हैं। केवल रखरखाव ही किया जा रहा है। सिंचाई विभाग ने पिछले साल के 27 करोड़ के मुकाबले इस बार 15 करोड़ रुपये पास किए हैं। एलडीए को यहां के रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई है। एक अधिकारी ने बताया कि हम अपना काम कर रहे हैं। चालू वित्तीय वर्ष के लिए हमारे पास धन है। ये 15 करोड़ रुपये कुछ बकाया बिलों के भुगतान के लिए स्वीकृत किए गए हैं। दूसरी ओर जेपी सेंटर के लिए आवास विभाग के बजट में 40 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे जेपी सेंटर के बचे हुए करीब 10 फीसद काम पूरे किए जा सकेंगे और छह माह के भीतर यह पूरा हो सकेगा। इस केंद्र के बनने के बाद इंडिया हैबीटेट सेंटर की तरह लखनऊ को एक बेहतरीन तोहफा मिलेगा। 

 

बजट में गोमती फिर गुम

गोमती को प्रदूषण मुक्त देखने की आस लगाए लोगों को बजट से जबर्दस्त निराशा हाथ लगी है। हैदर कैनाल पर 314 करोड़ की लागत से 120 एमएलडी क्षमता के बनाए जा रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से उम्मीद जताई जा रही थी कि गोमती को बड़ी राहत मिलेगी। परियोजना के लिए 45 करोड़ की रकम दी जा चुकी है और 269 करोड़ की शेष रकम इस बजट में मिलने की उम्मीद थी, लेकिन बजट में इसके लिए कोई धनराशि जारी न किए जाने के कारण इस प्रोजेक्ट के दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद फिलहाल कम हो गई है। इसके साथ ही गोमती को लेकर किए जा रहे तमाम दावों की हवा भी निकल गई है। 

कारण यह है कि बड़े जलग्रहण क्षेत्र से इस नाले से हर रोज 180 एमएलडी गंदा पानी गोमती में गिरता है। जल निगम के अनुसार 120 एमएलडी पानी को पंप कर भरवारा एसटीपी ले जाया जाता है, लेकिन शेष 60 से 80 एमएलडी गंदा पानी गोमती को लगातार दूषित कर रहा है।

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