UP Board Result 2020: दुनिया में ऐसा कोई नंबर नहीं, जो काबिलियत नाप सके...तो रिजल्ट से डरना क्यों
यूपी बोर्ड परीक्षा परिणाम आज दुनिया में ऐसा कोई नंबर नहीं जो काबिलियत नाप सके। ये रिजल्ट ही तो है जिंदगी का आखिरी परिणाम नहीं।
लखनऊ, (दुर्गा शर्मा/पुलक त्रिपाठी)। रोज अलार्म बजते-बजते थक जाता, पर पुलकित नहीं उठते। उठे भी क्यों! कोरोना काल चल रहा। स्कूल तो जाना है नहीं, पर मम्मी को कौन समझाए। कहती हैं, स्कूल बंद हुए तो क्या? कभी तो खुलेंगे ही। आदत क्यों खराब कर रहे। स्कूल वाला रुटीन घर पर भी फॉलो करो। लॉकडाउन पीरियड में भी वह यही रट लगाए रहीं। पर आज तो पुलकित ने मम्मी को सरप्राइज ही दे दिया।
वो मम्मी से पहले ही उठ गया। हनुमान चालीसा पढ़ रहे पुलकित की तेज आवाज के साथ मम्मी की आंख खुली। आंख मलते हुए वह पुलकित के पास पहुंचीं और हनुमान चालीसा खत्म होते ही बोलीं, अरे... आज जल्दी कैसे उठ गए। स्कूल तो जाना है नहीं। पुलकित ने मम्मी का हाथ पकड़ते हुए कहा, मम्मा...आज रिजल्ट है। डर लग रहा। मम्मी बोलीं, तभी मैं कहूं ये सुबह-सुबह हनुमान जी को क्यों याद किया जा रहा। कितने बजे उठे थे? पुलकित ने कहा, मम्मा, मैं तो टेंशन के मारे सो ही नहीं सका। मां ने पुलकित को गले से लगा लिया और बोलीं, रिजल्ट ही तो है। दुनिया में ऐसा कोई नंबर नहीं, जो मेरे बेटे की काबिलियत नाप सके। चलो, अब डरना बंद करो। मैं तुम्हारा फेवरेट नाश्ता बनाती हूं। इतने में ही पुलकित का मोबाइल फोन घनघनाया। दोस्त पार्थ का फोन था, बोला, भाई! आज रिजल्ट आ रहा। टेंशन हो रही। सारे दोस्त रिजल्ट के बाद मिलते हैं। कितने दिन हो गए हम सब मिले नहीं हैं। पुलकित ने मम्मी से पूछा, आज दोस्तों से मिलने जाऊं? इतने दिन से घर पर ही बोर हो रहा। मम्मी ने भी हामी भर दी। बोलीं, जाओ, मगर मास्क, ग्लब्स और सैनिटाइजर के साथ। दोस्तों को देखते ही एक दूसरे से गले मिलने के लिए झपट ना पडऩा तुम सब। अब पहले जैसी बात नहीं है। कोरोना को हराना है, तो सावधान रहना पड़ेगा। पुलकित ने कहा, ओके मम्मा, हम अलर्ट रहेंगे।
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आज बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट का दिन है। तमाम विद्याॢथयों की मेहनत के परिणाम का दिन। आपका बच्चा भी टेंशन में होगा, आखिर परिणाम की फिक्र किसे नहीं होती। पुलकित की मम्मी ने तो जादू की झप्पी देकर बेटे के अंदर से रिजल्ट के डर को छू मंतर कर दिया। तो आप किस बात का इंतजार कर रहे। अपने बच्चे के पास जाइए, रिजल्ट को लेकर उसके मन में चल रहे उथल-पुथल का शोर सुनिए। उसके साथ बैठिए, भरोसा दीजिए कि परिणाम चाहे जो हो, मेहनत का जश्न तो हम मनाएंगे ही। जिंदगी इन नंबरों के बिना भी लाजवाब तरीके से जी सकते हैं। आखिर मेधा इन नंबरों से कहीं आगे होती है।
पढ़ाई का अंतिम उद्देश्य टॉप करना ही नहीं होता। हम कम नंबरों के साथ भी जीवन में बहुत कुछ बेहतर कर सकते हैं। टॉपरों के लिए बजाई गईं तालियों के शोर में अपने बच्चे को गुम मत होने दीजिए। और बच्चो! बस इतना समझिए। ये तो महज कागजी एग्जाम और रिजल्ट हैं, जिंदगी की असल परीक्षा तो अभी शुरू ही नहीं हुई। इसमें तुम्हारी मेधा और हुनर ही तुम्हारी ताकत है।
तो प्यारे बच्चोंं! मन से उखाड़ फेंको रिजल्ट का डर। बड़ी खुशियों की चाह में छोटी-छोटी बातों का जश्न मनाना मत भूलो। हमें मालूम है, आपने बहुत मेहनत और लगन से परीक्षा दी, परिणाम भी बेहतर होगा, अगर न भी हो तो भी टेंशन की कोई बात नहीं। कुछ नंबरों के अंतर से कोई फर्क नहीं पड़ता, बस खुद पर यकीन रखो। आप जीवन में बहुत बेहतर करेंगे। आज आपका दिन है, रिजल्ट फोबिया को हराकर इस दिन का जश्न मनाओ।
प्रतिभा, क्षमता एवं मेहनत करने की प्रवृत्ति ही काम आएगी
कॅरियर काउंसलर डीके वर्मा कहते हैं परिणाम तो आएंगे, जीवन भर आते रहेंगे। कभी कठिन परिश्रम के तो कभी कठिन संघर्ष के। कठिन परिश्रम के परिणाम क्षणिक हो सकते हैं, मील के पत्थर होंगे, लेकिन संघर्षों के परिणाम विराट होंगे, जीवन बदल देंगे। आज परीक्षाफल का दिन है। परीक्षाफल आपके कृत प्रयासों का नतीजा ही तो है। मां-बाप को भले ही पता न हो, पर आपको तो परिणाम का अंदाजा होगा ही। चार महीने तक वर्चुअल वल्र्ड में रहे, अब रियल वल्र्ड का अहसास होगा। ये परिणाम जीवन की दिशा तय करेंगे, पूरा जीवन नहीं। छोटी-छोटी खुशियों को अवश्य मनाएं। इतना ध्यान रखना है कि केवल आपकी काबिलियत, क्षमता एवं मेहनत करने की प्रवृत्ति ही आपको स्थापित करेगी। अब डिजिटल वल्र्ड का जमाना है। ज्यादा से ज्यादा तकनीकी ज्ञान हासिल करो। वही काम आएगा, वही आपको भीड़ से अलग पहचान भी देगा। परिणाम देखकर डरें नहीं। संकल्पों के साथ जिएं। छोटी-छोटी खुशियों को मनाने की आदत डालें। मेहनत का कोई विकल्प नहीं, बस मेहनत पर ही यकीन रखकर आगे बढ़ें...
यूं ही नहीं होती हैं हाथों में लकीरों के आगे अंगुलियां
ईश्वर ने भी भाग्य से पहले मेहनत को बनाया है।।
वहीं, माता-पिता से भी यही अपेक्षा है कि धैर्य रखें, बच्चों के लिए दीवार और सहयोगी बनें।
किसी भी तरह की तुलना न करें
लखनऊ विश्वविद्यालय साइकोलॉजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माननी श्रीवास्तव कहतीं हैं मनचाहा रिजल्ट न आने पर भी दिल छोटा मत कीजिए। क्या पता सालों बाद आप भी किसी स्पीच में कहें कि इससे अच्छा आपके साथ कुछ हो ही नहीं सकता था। अभिभावकों और बच्चों से मेरा निवेदन है कि नकारात्मक तुलना न करें। सभी के काम करने का तरीका अलग होता है। इसलिए आप अपने दोस्तों से खुद की तुलना करते हैं तो याद रहे कि आपके हाथ बस निराशा ही आएगी। अगर आपने अपना शत प्रतिशत दिया है तो सफलता जरूर मिलेगी। माता-पिता द्वारा बच्चे को प्रोत्साहित करना, उसकी सफलता का एक मूलमंत्र हो सकता है। आप अपने बच्चे के जीवन में एक प्रमुख खिलाड़ी हैं, उसको आत्मविश्वास, कड़ी मेहनत और उकृष्टता सिखाना आप पर निर्भर करता है। आपके बच्चे में यह विश्वास होना चाहिए कि किसी भी सूरत में आप रिजल्ट से कहीं अधिक उनको प्यार करते हैं । हर हाल में आप उनके साथ हैं ।
सोच को सकारात्मक रखें
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, सरोसा- भरोसा की प्रवक्ता वंदना तिवारी (राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त) कहती हैं कि रिजल्ट आपकी साल भर की मेहनत है। आप तय करें कि इसे इंजॉय करने की क्या योजना बनाई है? अगर आपको रिजल्ट का टेंशन है तो वह अपने दिलो-दिमाग से बिल्कुल निकाल दीजिए। प्रतियोगिता के इस युग में आप पर सभी का दबाव होगा परिवार वालों का, समाज का और स्वयं अपना भी लेकिन यह रिजल्ट अपने लक्ष्य तक पहुंचने की एक सीढ़ी मात्र है। आपने अपना काम मेहनत से किया है आपने साल भर परिश्रम किया है तो परिणाम जो भी हो टेंशन कैसा? मायने रखती है आपकी मेहनत और आप का समर्पण और वह आपमें है। अपनी सोच को सकारात्मक रखें और आत्मविश्वास बनाए रखें। इस परीक्षा और इस परिणाम से जो भी अनुभव आपको मिले उसे भविष्य में एक सीख के रूप में सदैव याद रखिएगा। तनाव मुक्त होकर अपने परिणाम का आनंद उठाइए अपने घर वालों के साथ अपने परिणाम को एंजॉय कीजिए।
क्या कहते हैं बच्चे
मैंने बिना कोचिंग के पूरे साल लगन और मेहनत के साथ परीक्षा में बेहतर परिणाम के लिए तैयारी की है। यदि मेरा रिजल्ट अच्छा आता है तो मैं और मेरा परिवार बड़े उत्साह के साथ इस पल का जश्न मनाएंगे। यदि मेरा परिणाम कुछ अच्छा नहीं भी आया तो मैं निराश न होकर और मेहनत करूंगी, जीवन में आगे बढ़ूंगी। - प्रियंका शर्मा, कक्षा 12
अभी रिजल्ट को लेकर मैं बहुत ही सकारात्मक सोच रही हूं, क्योंकि मैंने जिस हिसाब से एग्जाम की तैयारी की थी, उस हिसाब से मेरे नंबर अच्छे ही आएंगे। मैं अपने रिजल्ट के लिए बहुत उत्साहित हूं। इसके अलावा मैंने आगे की भी तैयारी शुरू कर दी हैं। मैंने लखनऊ विश्विद्यालय से बीए का ऑनलाइन फॉर्म भर दिया है और अब इंट्रेंस एग्जाम की पढ़ाई कर रही हूं। ग्रेजुएशन के साथ-साथ मैं प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी करूंगी। - पूजा गौतम, कक्षा 12