सीडीआरआई के दो वैज्ञानिकों को मिला आइसीएमआर अवॉर्ड, काला आजार और मलेरिया पर किया शोध Lucknow News

सीडीआरआई के वैज्ञानिक डॉ. अनुराधा दुबे और डॉ. सतीश मिश्रा को मिला आईसीएमआर अवार्ड। काला अजार और मलेरिया की संभावित खोज में दिया योगदान।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 07 Sep 2019 08:00 PM (IST) Updated:Sun, 08 Sep 2019 07:21 AM (IST)
सीडीआरआई के दो वैज्ञानिकों को मिला आइसीएमआर अवॉर्ड, काला आजार और मलेरिया पर किया शोध Lucknow News
सीडीआरआई के दो वैज्ञानिकों को मिला आइसीएमआर अवॉर्ड, काला आजार और मलेरिया पर किया शोध Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। सीएसआइआर और सीडीआरआई के दो वैज्ञानिकों को काला अजार और मलेरिया में किए गए शोध के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों के लिए चयनित किया गया है। 

काला अजार (लीशमनियासिस) के लिए वैक्सीन लक्ष्यों की पहचान के लिए डॉ. अनुराधा दुबे को 'क्षणिका ओरेशन अवॉर्ड और मलेरिया पर शोध के लिए शकुंतला अमीर चंद पुरस्कार के लिए डॉ. सतीश मिश्रा का नाम चयनित किया गया है। आइसीएमआर की ओर से बायोमेडिकल साइंसेज में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारतीय महिला वैज्ञानिकों को प्रतिवर्ष 'क्षणिका ओरेशन अवॉर्डÓ दिया जाता है। वर्ष 2018 के लिए यह पुरस्कार एमेरिटस वैज्ञानिक एवं सर जेसी बोस नेशनल फेलो डॉ. अनुराधा दुबे को दिए जाने की घोषणा की गई है। डॉ. दुबे ने लीशमैनिया परजीवी प्रोटीन अथवा अणुओं की पहचान की है, जिनमें टीएच-1 मौजूद है एवं जो संभावित वैक्सीन लक्ष्यों के रूप में विकसित किए जाने की क्षमता रखते हैं।  

मलेरिया वैक्सीन के विकास हेतु मार्ग प्रशस्त करने के लिए डॉ. सतीश मिश्रा को शकुंतला अमीर चंद पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। डॉ. मिश्रा ने मलेरिया की लिवर स्टेज बायोलॉजी पर अपना शोध केंद्रित किया। इसमें वे मल्टी स्टेज इम्यूनिटी को प्रेरित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए लक्ष्य आधारित दवा की खोज और मलेरिया वैक्सीन विकसित करने पर कार्य कर रहे हैं।  वैक्सीन को एक माउस मॉडल में विकसित किया है। माना जा रहा है कि दोनों ही शोध काला अजार व मलेरिया की वैक्सीन बनाने में मददगार साबित होंगे।

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