Triple Talaq Bill : पीड़ित मुस्लिम महिलाओं ने कहा, जिंदगी में आया नया सवेरा, PM मोदी का आभार

लोकसभा के बाद मंगलवार को राज्यसभा में भी तत्काल तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) बिल पास होने के बाद पीड़िताओं और अन्य मुस्लिम महिलाओं ने जश्न मनाया।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 30 Jul 2019 11:07 PM (IST) Updated:Wed, 31 Jul 2019 09:15 AM (IST)
Triple Talaq Bill : पीड़ित मुस्लिम महिलाओं ने कहा, जिंदगी में आया नया सवेरा, PM मोदी का आभार
Triple Talaq Bill : पीड़ित मुस्लिम महिलाओं ने कहा, जिंदगी में आया नया सवेरा, PM मोदी का आभार

लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा के बाद मंगलवार को राज्यसभा में भी तत्काल तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) बिल पास होने के बाद पीड़िताओं और अन्य मुस्लिम महिलाओं ने जश्न मनाया। सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक की लड़ाई जीतने वाली सहारनपुर की अतिया साबरी बेहद खुश हैैं। उन्होंने कहा कि अपनी खुशी जाहिर करने के लिए आज उनके मुंह से शब्द ही नहीं निकल रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि मुस्लिम महिलाओं को उत्पीड़न से निजात दिलाने के लिए उन्होंने जो मुहिम छेड़ी थी, आज वह अंजाम तक पहुंच गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगाई थी गुहार

सहारनपुर के मोहल्ला आली की चुंगी निवासी मजहर हसन की बेटी अतिया साबरी ने अपने भाई रिजवान व परिवार के साथ तीन तलाक की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में लड़ने के साथ ही मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी गुहार लगाई थी। राज्यसभा में तीन तलाक का बिल पास होने के बाद अतिया साबरी ने कहा कि इस दिन का लंबे समय से इंतजार था। अब वह आने वाली पीढ़ी को यह बता सकती हैं कि कितनी मेहनत व शिद्दत के बाद यह दिन सामने आया है। आज के बाद मुस्लिम महिलाओं के लिए नया सवेरा आएगा। उन्होंने मुस्लिम समाज की तीन तलाक पीडि़ताओं को संदेश दिया कि वे कभी डरकर न जिएं बल्कि उसका सामना करें।

निदा खान ने वर्ष 2016 में बुलंद की थी आवाज

राज्यसभा से पास होते ही सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े मरकज (केंद्र) बरेली में तलाक पीडि़ताओं ने जश्न मनाया। आला हजरत खानदान की बहू रहीं व आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान के घर पीडि़ताएं पहुंची। एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मनाई, इस भरोसे के साथ कि अब मुस्लिम औरतें सुरक्षित हैं। कोई शौहर न तो तलाक की धमकी देगा और न ही तलाक देकर घर से निकालने की जुर्रत कर पाएगा। बरेली से वर्ष 2016 से तीन तलाक पर रोक लगाने की आवाज उठ रही थी, जोकि मंगलवार को कानून बन गई। आला हजरत खानदान के शीरान रजा खां से तलाक का विवाद होने के बाद निदा खान तलाक के खिलाफ खड़ी हुईं।

अब कोई शौहर चाय में चीनी कम होने पर तलाक देने की जुर्रत नहीं करेगा

बरेली के आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान ने कहा कि तीन तलाक कानून हमारी पीढिय़ों को सुरक्षित करेगा। अब कोई शौहर चाय में चीनी कम होने पर तलाक देने की जुर्रत नहीं जुटा पाएगा। तलाक के लिए संघर्ष करने वाली व पीडि़ताओं को न्याय मिला है। सरकार और बिल को समर्थन करने वाले सांसदों का धन्यवाद। हमारे लिए यह जश्न का पल है। काश कानून पहले आता तो मझे तलाक देने का दावा करने वाले शीरान रजा को भी सजा कराती। मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी ने कहा कि तलाक के लिए जान जोखिम में डालने आवाज उठाने वाली महिलाओं को सरकार ने न्याय दिया है। मुस्लिम महिलाएं सुरक्षित होंगी। उनका सम्मान बढ़ेगा। सजा के डर से कोई शौहर न तो तलाक की धमकी देगा और न ही तलाक देने का साहस जुटा पाएगा। संघर्ष करने वाली सभी पीडि़ताओं को बधाई। आज का दिन महिलाओं के नया उजाला लेकर आया है। उनकी जिंदगी चमकेगी।

हलाला और बहुविवाह का संघर्ष अभी जारी रहेगा

राज्यसभा में तत्काल तीन तलाक का बिल पास होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक की लड़ाई लडऩे वाली अधिवक्ता फरहा फैज के सहारनपुर स्थित आवास पर मुस्लिम महिलाओं व मीडिया का जमावड़ा लग गया। मुस्लिम महिलाओं ने मिठाई बांटकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे लगाकर अपनी खुशी का इजहार किया। मीडिया से बात करते हुए फरहा फैज ने कहा कि अभी यह पहली लड़ाई जीती है, हलाला और बहुविवाह के खिलाफ अभी उनकी लड़ाई जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरहा फैज ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आभारी हैं कि उन्होंने महिलाओं के हक में सुप्रीमकोर्ट में जो हलफनामा दिया था कि किसी समाज की महिला के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

मुस्लिम महिलाओं को सम्मान से जीने का अधिकार मिलेगा

ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने कहा कि यह महिलाओं की जीत है। मुस्लिम महिलाओं को सम्मान से जीने का अधिकार मिलेगा। हिंदू मैरिज एक्ट की तर्ज पर ही मुस्लिम मैरिज एक्ट बनना चाहिए। कानून ऐसा हो, जिसमें पति-पत्नी के बीच सुलह की गुंजाइश बनी रहे। मुस्लिम महिलाओं से भी उनकी राय ली जाए। अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य रुमाना सिद्दीकी ने कहा कि अब पति तीन तलाक देना तो दूर, सोचेंगे तक नहीं। संसद में बिल पास होने से मुस्लिम महिलाओं को सिक्योरिटी मिलेगी।

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