40 म‍िनट में पूरा होगा लखनऊ से कानपुर का सफर, 160 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ेंगी ट्रेनें

74 किमी टै्रक की फेंसिंग करके बनेंगे 40 पुल बंद होंगी क्रासिंग। रेलवे मंडल प्रशासन ने बोर्ड मुख्यालय को सौंपी हाईस्पीड ट्रैक की प्रारंभिक रिपोर्ट।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 03 Jan 2020 07:00 PM (IST) Updated:Fri, 03 Jan 2020 03:09 PM (IST)
40 म‍िनट में पूरा होगा लखनऊ से कानपुर का सफर, 160 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ेंगी ट्रेनें
40 म‍िनट में पूरा होगा लखनऊ से कानपुर का सफर, 160 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ेंगी ट्रेनें

लखनऊ, (निशांत यादव)। राजधानी लखनऊ को भी दिल्ली से हावड़ा तक हाईस्पीड रेल नेटवर्क से जोडऩे की तैयारी शुरू हो गई है। रेल मंत्रालय के एक्शन प्लान-100 में लखनऊ से कानपुर के बीच हाईस्पीड ट्रैक बिछाने का जो प्रस्ताव बनाया था, जिसकी फिजिबिलिटी जांच पूरी हो गई है। रेलवे ने प्रारंभिक रिपोर्ट रेल मंत्रालय को बजट के लिए भेज दी है। हाई स्पीड ट्रैक तैयार करने पर कुल 1300 करोड़ रुपये की लागत आएगी। लखनऊ से कानपुर तक की 74 किमी. के हाईस्पीड ट्रैक के दोनों ओर फेंसिंग की जाएगी। सभी रेलवे क्रासिंग बंद होंगे। इसकी जगह 40 पुल बनाए जाएंगे, जिसमें करीब 27 सीमित ऊंचाई वाले अंडरपास होंगे।

रेल मंत्रालय के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को बजट आवंटन का 1300 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक फरवरी में पेश होने वाले आम बजट के दौरान पिंक बुक में इस प्रोजेक्ट को शामिल किया जा सकता है। तीन चरण में प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पहले चरण का करीब 300 करोड़ रुपये रेलवे देगा। रेलवे करीब 350 करोड़ रुपये अंडरपास व ओवरब्रिज बनाने पर खर्च करेगा, जबकि शेष एक हजार करोड़ से एडवांस सिग्नल सिस्टम लगेंगे। यह सिग्नल ट्रेन ड्राइवर को अपने इंजन की कैब में दिख सकेंगे। साथ ही 60 किलोग्राम भार वाली रेल लाइन का इस्तेमाल किया जाएगा। कुल चार साल में प्रोजेक्ट पूरा होगा। ट्रैक हाईस्पीड होने पर ट्रेनें 40 मिनट में कानपुर पहुंचेंगी।

अभी ट्रैक की स्थिति

लखनऊ से कानपुर रूट पर मेल, एक्सप्रेस, पैसेंजर और मेमू को मिलाकर 92 ट्रेनें दौड़ती हैं। रोजाना औसतन 64 ट्रेनों का संचालन होता है। लखनऊ कानपुर के बीच सुपरफास्ट ट्रेनों की औसत गति 50 किलोमीटर प्रति घंटा ही है। सबसे कम 1:10 घंटा तेजस और 1:13 घंटा शताब्दी एक्सप्रेस ही लेती है। इसी साल अगस्त में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने एक्शन प्लान-100 बनाया था, जिसके तहत दिल्ली-हावड़ा सहित देश के चुनिंदा रूटों को 160 किमी प्रति घंटे की ट्रेनों की स्पीड के लिए हाईस्पीड ट्रैक बनाने का प्रावधान किया गया। सीआरबी ने कानपुर से लखनऊ का हिस्सा भी एक्शन प्लान में शामिल किया। जिससे भविष्य में लखनऊ से दिल्ली तक 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेनें दौड़ सकें। 

डीआरएम  संजय त्रिपाठी ने बताया क‍ि हाईस्पीड ट्रैक बनाने की प्रारंभिक रिपोर्ट के साथ इस्टीमेट रेल मंत्रालय को भेज दिया है। बजट आवंटन के आधार पर चरणबद्ध तरीके से इस काम को पूरा किया जाएगा। 

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