बिजली कर्मचारी के अंगदान से तीन लड़खड़ाती जिंदगियों को संबल

नौ अगस्त को रायबरेली के संविदा कर्मी वशिष्ठ बाजपेयी डयूटी के दौरान करंट लगने से खंभे से गिरे और आज उनके दम तोड़ने पर अंगदान से तीन जिंदगियों को रौशन कर दिया।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Wed, 15 Aug 2018 07:08 PM (IST) Updated:Wed, 15 Aug 2018 09:29 PM (IST)
बिजली कर्मचारी के अंगदान से तीन लड़खड़ाती जिंदगियों को संबल
बिजली कर्मचारी के अंगदान से तीन लड़खड़ाती जिंदगियों को संबल

लखनऊ (जेनएन)। नौ अगस्त की ही बात है। जब रायबरेली के रामपाल खेड़ा गांव निवासी संविदा कर्मी वशिष्ठ बाजपेयी (40 वर्ष) डयूटी के दौरान करंट लगने से खंभे से गिर गए थे। उनके सिर व शरीर के अन्य हिस्सों में कई गंभीर चोटें आईं। हादसे में घायल वशिष्ठ को परिजन इलाज के लिए जिला अस्पताल ले गए। हालत गंभीर होने पर 10 अगस्त को उन्हें केजीएमयू के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। यहां उन्हें आइसीयू के वेंटिलेटर पर रखा गया। बुधवार को डॉक्टरों की टीम ने वशिष्ठ का ब्रेन डेड घोषित कर दिया।

दोनों कार्निया संरक्षित 

इसके बाद ऑर्गन ट्रांसप्लांट यूनिट के काउंसलर पीयूष, अश्वनी व क्षितिज ने उनकी पत्नी मनमोहनी, पिता कृष्णमोहन को अंगदान के लिए प्रेरित किया। परिजनों की सहमति मिलते ही नाटो को सूचना दी गयी। इसके बाद आईएलबीएस में लिवर भेजने के निर्देश दिए गए। सवा तीन बजे डॉ अभिजीत चंद्रा व डॉ विवेक ने मरीज को ओटी में शिफ्ट कर ऑर्गन रिट्रीवल शुरू किया। वशिष्ठ की दोनों किडनी खराब हो चुकी थी। ऐसे में लिवर निकालकर आइएलबीएस दिल्ली फ्लाइट से भेज दिया गया। केजीएमयू में दोनों कार्निया संरक्षित कर ली गई हैं जिन्हें जरूरतमंदों को प्रत्यारोपित कर उनकी जिंदगी रोशन की जाएंगी। केजीएमयू में यह 24वां अंगदान हुआ। वहीं 17 वां लिवर मिला। 

 

21 मिनट में अंग लेकर एयरपोर्ट पहुंची टीम

स्वतंत्रता दिवस का मौका, अवकाश का दिन और शाम का वक्त। सड़कों पर भीड़-भाड़ तो होनी ही थी। ऐसे में तीन जिंदगी बचाने में जुटी केजीएमयू की टीम ने समय की कीमत समझ तत्काल अंगदान कराने का फैसला लिया। सबसे बड़ी चुनौती समय से एयरपोर्ट तक पहुंचने की थी। यातायात अधीक्षक रविशंकर निम से ठोस सहयोग के आश्वासन पर हिम्मत जुटी और जिंदगी बचाने के लिए मानव अंग लेकर चिकित्सकों की टीम निकल पड़ी। यातायात पुलिस ने एक बार फिर ग्रीन कॉरीडोर रूट तय कर दल के आगे चलने का फैसला किया। यातायात अधीक्षक स्वयं टीम को लीड कर रहे थे। आगे-आगे इंटरसेप्टर एक व तीन, उसके पीछे अन्य गाडिय़ां और मानव अंग लेकर जा रही एंबुलेंस और पूरी चिकित्सकों की टीम। केजीएमयू से शाम ठीक पांच बजकर बीस मिनट पर एंबुलेंस मानव आर्गन लेकर निकली।  डालीगंज, शहीद स्मारक, होटल क्लार्क अवध, चिरैया झील के रास्ते, 1090 चौराहा, कटाईपुल, अर्जुनगंज, शहीद पथ, कानपुर रोड वीआईपी तिराहा होते हुए एयरपोर्ट पहुंची। ठीक 21 मिनट में सौ की रफ्तार से वाहन चला 5:41 बजे टीम ने करीब 24 किमी. की दूरी टीम तय की। यातायात पुलिस की टीम ने एक बार फिर समय का बेहतर प्रबंधन करती दिखी।

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