रायबरेली ज‍िला जेल प्रधान बंदी समेत तीन कर्मी निलंबित, दो बंद‍ियों के भागने पर ग‍िरी गाज

डीजी जेल आनन्द कुमार ने रायबरेली जेल से दो बंदियों के भाग निकलने के मामले में एक प्रधान बंदी रक्षक समेत तीन जेल कर्मियों को निलंबित किया है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 16 Sep 2020 11:10 PM (IST) Updated:Thu, 17 Sep 2020 06:02 AM (IST)
रायबरेली ज‍िला जेल प्रधान बंदी समेत तीन कर्मी निलंबित, दो बंद‍ियों के भागने पर ग‍िरी गाज
रायबरेली ज‍िला जेल प्रधान बंदी समेत तीन कर्मी निलंबित, दो बंद‍ियों के भागने पर ग‍िरी गाज

लखनऊ, जेएनएन। रायबरेली जेल से दो बंदियों के भाग निकलने के मामले में एक प्रधान बंदी रक्षक समेत तीन जेल कर्मियों को निलंबित किया गया है। डीजी जेल आनन्द कुमार ने डीआइजी जेल संजीव त्रिपाठी की जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रधान बंदी रक्षक रमेश चंद्र, बंदी रक्षक रामराज व अनिल कुमार स‍िंंह को निलंबित करने का आदेश दिया है। इसके अलावा घटना में लापरवाही के दोषी पाए गए प्रधान बंदी रक्षक शेर बहादुर स‍िंंह, मुहम्मद इरशाद, मदनलाल अवस्थी व बंदी रक्षक सुनील कुमार मौर्य के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया है। ध्यान रहे, रायबरेली जेल से एक दिन पूर्व बंदी रंजीत कुमार व शारदा प्रसाद भाग निकले थे। दोनों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया है।

बंदी ऐसे हुए थे फरार

कम उम्र और हल्का-फुल्का शरीर। इसी की बदौलत मिले फुर्तीलेपने का जबर्दस्त लाभ उठाया दोनों बंदियों ने। उन्होंने जेल परिसर के कुएं के पास इकठ्ठा बांस की मजबूत फज्जियों को उठाया। फिर अंगोछे को फाड़ा। उसके बाद लकड़ियों के गुल्ले को जोड़कर सीढ़ी नुमा रस्सी बना डाली। उसी के सहारे 18 और 22 फीट की ऊंची दीवारें फांद गए। हालांकि जान जोखिम में डालने वाला यह हुनर उनके काम न आया। वे अब एक बार फिर वहीं सीखचों के पीछे पहुंच गए हैं।

तीन सितंबर को सलोन कोतवाली क्षेत्र के बहादुरपुर मजरे अतरथरिया का रंजीत दुष्कर्म के मामले में और पांच सितंबर को शिवगढ़ थाना क्षेत्र के शेरगढ़ पड़रिया का रहने वाला शारदा प्रसाद चोरी के मामले में जेल लाया गया था। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अपनाए गए कदमों के तहत जेल में बनी क्वारंटाइन बैरक में दोनों को रखा गया। वे दोनों एक दूसरे से मिलकर फरार होने की साजिश रचते रहे। जिसकी भनक जेल प्रशासन को नहीं लग सकी। सूत्र बताते हैं कि सोमवार को दिन में नाइट ट्वायलेट जो क्वारंटाइन बैरक में रहने वाले प्रयोग करते हैं, उसे जाम कर दिया। जिसकी वजह से गंदगी उफनाने लगी और बंदी उसमें जाने से परहेज करने लगे। इसी सन्नाटे का फायदा उठाकर दोनों बंदियों ने बैरक के बाहर निकलने के लिए दीवार में सेंध बना ली। जिससे वे मिलाई वाले अहाते पहुंचे। जहां परिसर के एक कुएं में पास रखी लकड़ियों में से बांस की फच्चियों से उन्होंने दीवार फांदने का जुगाड़ बना लिया।

साइकिल चुराकर गए शिवगढ़

अपराध और झूठ दलदल में उतार देते हैं। इसका जीता जागता नमूना यह दोनों बंदी हैं। जो चोरी के मामले में जेल में बंद था, वह जेल से भागा तो अपने ठौर ठिकाने तक पहुंचने के लिए उसने साइकिल चोरी की। उसी साइकिल से वे दोनों छिपते-छिपाते शिवगढ़ गए। जहां से उसका दूसरा साथी सलोन चला गया।

chat bot
आपका साथी