Electricity Price In UP: यूपी में फ‍िलहाल नहीं होगी नए बिजली कनेक्शन की दरों में बढ़ोतरी, टला फैसला

यूपी में बिजली कनेक्शन की दरों में विरोध के बाद उपभोक्ताओं को फिलहाल राहत मिल गई है। ज‍िसके बाद विद्युत नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन से संशोधित प्रस्ताव मांगा है। बता दें क‍ि नई कास्ट डाटा बुक में प्रस्तावित दरों को हरी झंडी देने के लिए बैठक बुलाई गई थी।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Thu, 26 Jan 2023 06:20 AM (IST) Updated:Thu, 26 Jan 2023 07:08 AM (IST)
Electricity Price In UP: यूपी में फ‍िलहाल नहीं होगी नए बिजली कनेक्शन की दरों में बढ़ोतरी, टला फैसला
Electricity Price In UP: यूपी में नहीं बढ़ेंगे नए ब‍िजली कनेक्‍शन के दाम

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। बिजली कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को फिलहाल राहत मिल गई है। नए कनेक्शन की दरों में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर उपभोक्ता परिषद के विरोध के बाद उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने इसे स्थगित कर दिया है। आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह ने पावर कारपोरेशन को संशोधित प्रस्ताव देने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि कनेक्शन की दरें आम जनता व छोटे घरेलू उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए सकारात्मक होनी चाहिए।

नए बिजली कनेक्शन की दरों पर हुई चर्चा

विद्युत नियामक आयोग में बुधवार को इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक में नए बिजली कनेक्शन की दरों पर चर्चा हुई। इसमें बिजली कनेक्शन में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों की दरों को अंतिम रूप दिया जाना था लेकिन सहमति नहीं बन पाई। बिजली कनेक्शन की दरों में बढ़ोतरी को लेकर दूसरे राज्यों की दरों को उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने रखा। इसके बाद कनेक्शन की दरों का विरोध शुरू हो गया। अंत में पावर कारपोरेशन के एमडी ने कहा उनके प्रस्ताव में कुछ गलतियां हो गई हैं। उसे पावर कारपोरेशन सुधारेगा।

अभी पुरानी दरें ही रहेंगी लागू

आयोग के चेयरमैन ने कहा कि पावर कारपोरेशन को फिर से प्रस्ताव को संशोधित करना चाहिए। उपभोक्ता परिषद के तर्क महत्वपूर्ण हैं। फिलहाल नई कास्ट डाटा बुक में कनेक्शन की दरों में बढ़ोतरी का मामला अगले कुछ महीनों के लिए टल गया है। पुरानी दरें ही अभी लागू रहेंगी। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा बिजली कंपनियों का यह कैसा प्रस्ताव है जिसमें आम जनता, किसानों, गरीबों के कनेक्शन की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव था और बडे़ विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में कमी की जा रही थी।

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