डाक्टर ने रोग का पता लगाने को फाड़ डाला पेट, फोरम ने लगाया जुर्माना

नित नई टेक्नालॉजी के साथ चिकित्सा विज्ञान तेजी के साथ तरक्की कर रहा है। ऐसे में किसी चिकित्सक का यह बयान कि-'पेट काटने के बाद ही मर्ज का पता चलेगाÓ चौंकाने वाला है।

By Ashish MishraEdited By: Publish:Wed, 07 Oct 2015 09:29 AM (IST) Updated:Wed, 07 Oct 2015 12:58 PM (IST)
डाक्टर ने रोग का पता लगाने को फाड़ डाला पेट, फोरम ने लगाया जुर्माना

लखनऊ। नित नई टेक्नालॉजी के साथ चिकित्सा विज्ञान तेजी के साथ तरक्की कर रहा है। ऐसे में किसी चिकित्सक का यह बयान कि-'पेट काटने के बाद ही मर्ज का पता चलेगा' चौंकाने वाला है। कानपुर में ऐसा हुआ है। जिला उपभोक्ता फोरम में एक पीडि़ता के गलत इलाज पर चल रही सुनवाई में शहर के एक अस्पताल ने ऐसा ही हास्यास्पद जवाब दिया। फोरम अध्यक्ष आरएन सिंह ने आपरेशन करने वाले डाक्टर पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी किया।

आजाद नगर की गुड्डी देवी पेट दर्द से पीडि़त थीं। इलाज के लिए वह रामाशिव सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल में चार मार्च 2013 को भर्ती हुईं। अल्ट्रासाउंड में उन्हे पथरी की शिकायत बताई गई। पांच मार्च को डॉ. नीरज श्रीवास्तव ने आपरेशन किया। सात मार्च को अस्पताल से उन्हे छुट्टी दे दी गई, लेकिन पेट दर्द में भी आराम नहीं था। जब केस हिस्ट्री में डॉ. नीरज श्रीवास्तव का नाम काटकर उनकी पत्नी सुनीता श्रीवास्तव का नाम दर्ज किया गया तो परिवारीजन को शक हुआ। उन्होंने 20 अप्रैल को गुड्डी के पेट का सीटी स्कैन करवाया। रिपोर्ट से पता चला कि पथरी नहीं निकाली गई। इसके बाद गुड्डी देवी की ओर से जिला उपभोक्ता फोरम में डॉ. नीरज श्रीवास्तव और डॉ. सुनीता श्रीवास्तव के खिलाफ इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए मामला दाखिल किया गया। फोरम से नोटिस जारी होने के बाद अस्पताल की ओर से जवाब दिया गया कि 'अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं था कि गाल ब्लैडर निकालने योग्य नहीं है। यह जानने के लिए आपरेशन करने की सलाह दी गई थी।

chat bot
आपका साथी