सूर्य नमस्कार उपासना नहीं वैज्ञानिक ढंग से सिद्ध व्यायाम

सूर्य नमस्कार हिंदुओं की प्रॉपर्टी नहीं है। सूर्य सभी को ऊर्जा देते हैं। यह एक व्यायाम है और वैज्ञानिक ढंग से सिद्ध हो चुका है। इसमें कोई उपासना नहीं है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Sun, 18 Jun 2017 07:22 PM (IST) Updated:Sun, 18 Jun 2017 07:25 PM (IST)
सूर्य नमस्कार उपासना नहीं वैज्ञानिक ढंग से सिद्ध व्यायाम
सूर्य नमस्कार उपासना नहीं वैज्ञानिक ढंग से सिद्ध व्यायाम

लखनऊ (जेएनएन)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने सूर्य नमस्कार का विरोध करने वालों को करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि जिनका मन साफ नहीं है वही इसका विरोध कर रहे हैं। वही इसमें सांप्रदायिकता देखते हैं। वही कहते हैं कि यह हिंदुओं का एजेंडा है। दत्तात्रेय होसबोले यहां विश्व संवाद केंद्र में भारतीय संस्कृति पुनरुत्थान समिति द्वारा आयोजित अवध प्रहरी के योग विशेषांक के लोकार्पण के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे।

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उल्लेखनीय है कि राजस्थान के सरकारी स्कूलों में सूर्य नमस्कार अनिवार्य किए जाने के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसका विरोध शुरू किया। बिना किसी का नाम लिए दत्तात्रेय ने योग से शरीर और मन को जोड़ते हुए सूर्य नमस्कार का महत्व बताया। कहा, सूर्य तो सभी को ऊर्जा देते हैं। यह एक व्यायाम है और वैज्ञानिक ढंग से सिद्ध हो चुका है। इसमें कोई उपासना नहीं है। सूर्य नमस्कार हिंदुओं की प्रॉपर्टी नहीं है। जैसे न्यूटन ने दुनिया को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से परिचित कराया वैसे ही हिंदुओं ने दुनिया को सूर्य नमस्कार का ज्ञान सिखाया। इसको हमें पेटेंट कराने की जरूरत नहीं है लेकिन, कुछ देश ऐसा कर सकते हैं। अमेरिका में गोमूत्र के तीन पेटेंट हुए हैं। हमारे हर पर्व में पर्यावरण की कद्र रही है लेकिन, भारत के लोग पर्यावरण के प्रति गलत व्यवहार कर रहे हैं। 

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विश्व में योग के प्रति आकर्षण का जिक्र करते हुए होसबोले ने कहा कि पिछले तीन वर्ष से सभी भारतीय कॉलर ऊंचा करके दुनिया में घूम रहे हैं। जून में यह भावना और प्रबल हो जाती है क्योंकि पूरी दुनिया को योग भारत ने ही सिखाया है। इस मौके पर संयुक्त क्षेत्र प्रचार प्रमुख कृपाशंकर ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला जबकि भारतीय संस्कृति पुनरुत्थान समिति के कोषाध्यक्ष बाबूलाल शर्मा ने आभार ज्ञापन किया। संपादक शिवबली विश्वकर्मा, सह प्रांत संघचालक डॉ. हरमेश चौहान, प्रबंध संपादक दिवाकर अवस्थी, लक्ष्मण भाव सिंह समेत कई प्रमुख लोग कार्यक्रम में मौजूद थे। 

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