खुद को आइपीएस बताकर सर्राफ से हड़पे तीन करोड़ रुपये के आभूषण, एसटीएफ ने लखनऊ से दबोचा

एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक डी 62 सेक्टर पी अलीगंज में रहने वाला राजीव सिंह खुद को महाराष्ट्र कैडर का आइपीएस बताता था। राजीव के पिता बिजेंद्र पाल सिंह सीतापुर से वर्ष 2014 में डिप्टी एसपी के पद से सेवानिवृत हुए हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 04 Sep 2021 12:05 AM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 12:24 PM (IST)
खुद को आइपीएस बताकर सर्राफ से हड़पे तीन करोड़ रुपये के आभूषण, एसटीएफ ने लखनऊ से दबोचा
मोहन श्याम कल्याणदास ज्वैलर्स से लिए थे करीब तीन करोड़ रुपये के आभूषण।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। डीसीपी क्राइम ब्रांच मुंबई बोल रहा हूं। अभी कुछ बदमाशों का पीछा कर रहा हूं। बाद में बात करता हूं...। खुद को आइपीएस अधिकारी बताकर एक युवक ने गोल मार्केट स्थित मोहन श्याम कल्याणदास ज्वैलर्स के मालिक को झांसे में लिया और करीब तीन करोड़ रुपये के आभूषण हड़प लिए। आरोपित ने सर्राफ को पोस्ट डेटेड सात चेक भी दिए थे। सर्राफ जब चेक को बैंक में लगाने से पहले आरोपित को फोन करते तो वह इसी तरह का बहाना बनाकर टाल देता। एसटीएफ ने आरोपित को अलीगंज से गिरफ्तार किया है, जिसके पास से 5.743 किलो सोने के आभूषण बरामद किए गए हैं।

एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक डी 62 सेक्टर पी अलीगंज में रहने वाला राजीव सिंह खुद को महाराष्ट्र कैडर का आइपीएस बताता था। राजीव को गिरफ्तार कर लिया गया है। राजीव के पिता बिजेंद्र पाल सिंह सीतापुर से वर्ष 2014 में डिप्टी एसपी के पद से सेवानिवृत हुए हैं। राजीव ने मोहन श्याम कल्याणदास ज्वैलर्स के मालिक नितेश रस्तोगी को अपने झांसे में लिया था। छानबीन में पता चला कि राजीव की मां वर्ष 2003 में अपनी सहेली के साथ सर्राफ के यहां खरीदारी करने आती थीं। धीरे-धीरे सर्राफ और राजीव के घरवालों में अच्छे संबंध हो गए। वर्ष 2005 से राजीव भी सर्राफ के यहां आने लगा। आरोपित ने कुछ वर्ष बाद नितेश को बताया कि महाराष्ट्र कैडर में उसका चयन आइपीएस में हुआ है। इसके बाद से नितेश और राजीव और करीब आ गए। जुलाई 2020 में राजीव ने 67 लाख और दिसंबर माह में एक करोड़ 95 लाख के आभूषण खरीदे, लेकिन भुगतान नहीं किया। राजीव ने नितेश को सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के तीन करोड़ 17 लाख रुपये के सात चेक दिए।

हालांकि वह सर्राफ को बैंक में चेक लगाने से रोकता रहा। इसकी वजह से सातों चेक की समय सीमा समाप्त हो गई। सर्राफ जब भी राजीव को फोन करते वह खुद के व्यस्त होने की बात कहता। सर्राफ के दबाव बनाने पर आरोपित आइपीएस होने का रौब दिखाने लगा। यही नहीं राजीव ने नितेश को जेवर लौटाने या फिर रुपये देने से भी मना कर दिया। परेशान होकर नितेश ने महानगर कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई। इसके बाद एसटीएफ ने पड़ताल के दौरान राजीव को दबोच लिया। आरोपित के पास से डीसीपी क्राइम ब्रांच मुंबई का पहचान पत्र, 96 स्वर्ण आभूषण, दो मोबाइल फोन और ढ़ाई हजार रुपये बरामद किए गए हैं।

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