सोनभद्र नरसंहार कांड : एसआइटी ने पुलिस और राजस्व कर्मियों से की पूछताछ

Sonbhadra massacre एसआइटी ने जमीन विवाद से जुड़े कई और दस्तावेज भी कब्जे में लिये हैं जिनके आधार पर जांच आगे बढ़ेगी।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 19 Aug 2019 11:40 PM (IST) Updated:Mon, 19 Aug 2019 11:41 PM (IST)
सोनभद्र नरसंहार कांड : एसआइटी ने पुलिस और राजस्व कर्मियों से की पूछताछ
सोनभद्र नरसंहार कांड : एसआइटी ने पुलिस और राजस्व कर्मियों से की पूछताछ

लखनऊ, जेएनएन। सोनभद्र नरसंहार कांड में जमीन विवाद की परतें खंगाल रहे विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने सोमवार को पीड़ित ग्रामीणों से लेकर पुलिस, राजस्व व डीएम कार्यालय के कई कर्मचारियों से लंबी पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किये। एसआइटी ने जमीन विवाद से जुड़े कई और दस्तावेज भी कब्जे में लिये हैं, जिनके आधार पर जांच आगे बढ़ेगी। बताया गया कि एसआइटी अगले चरण में नामजद आरोपित अधिकारियों को मुख्यालय तलब कर उनसे पूछताछ करेगी।

सोनभद्र के उभ्भा गांव में 17 जुलाई को भूमि पर कब्जे के विवाद में नरसंहार की घटना हुई थी। शासन के निर्देश पर भूमि विवाद के मामले में हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। शासन ने इस मामले की जांच एसआइटी को सौंपी है और दो माह में रिपोर्ट तलब की है। बीते दिनों एसआइटी की टीम ने सोनभद्र पहुंचकर जांच की थी और राजस्व से जुड़े कई दस्तावेज कब्जे में लिये थे। डीआइजी एसआइटी जे.रविंद्र गौड व एएसपी अमृता मिश्रा के नेतृत्व में टीम ने सोमवार को सोनभद्र के चुर्क स्थित जेपी गेस्ट हाउस में पीड़ित ग्रामीणों को बुलाकर पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किये। एसआइटी ने उभ्भा गांव के पीड़ितों से खासकर यह जानने का प्रयास किया कि उनके खिलाफ किन मामलों को लेकर मुकदमे दर्ज कराये गए थे और उन मुकदमों को दर्ज कराने में किन-किन लोगों की भूमिका थी।

दैनिक जागरण के सोनभद्र कार्यालय के अनुसार एसआइटी ने करीब 18 ग्रामीणों को बुलाया था, जिनमें नरसंहार में जान गंवाने वाले 10 ग्रामीणों के परिवारीजन भी शामिल थे। एसआइटी ने तत्कालीन बीट के दारोगा, दीवान व सिपाही से भी लंबी पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किये। राजस्व कर्मियों से जमीन से जुड़े दस्तावेजों को लेकर पूछताछ की गई। कई राजस्व व पुलिसकर्मियों को पूछताछ के लिए मंगलवार को तलब किया गया है। एसआइटी पूछताछ करने से पहले जमीन के अभिलेखों में हुए खेल की परतें भी खंगाल रही है। उन दस्तावेजों को भी कब्जे में ले रही है, जिनमें नियमों को दरकिनार कर गड़बड़ी की गई। ग्रामीणों के खिलाफ दर्ज कराये गये मुकदमों का ब्योरा भी जुटाया गया है।

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