रंगों से ऐसे करें अपनी सुरक्षा, ताकि HAPPY रहे HOLI

दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में बलरामपुर अस्पताल के वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ.एमएच उस्मानी ने पाठकों को सुरक्षित होली खेलने के टिप्स दिए साथ ही उनके प्रश्नों के उत्तर भी दिए।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 19 Mar 2019 07:38 PM (IST) Updated:Wed, 20 Mar 2019 04:17 PM (IST)
रंगों से ऐसे करें अपनी सुरक्षा, ताकि HAPPY रहे HOLI
रंगों से ऐसे करें अपनी सुरक्षा, ताकि HAPPY रहे HOLI

लखनऊ, जेएनएन। रंग और उल्लास का त्योहार है होली। अक्सर त्योहार की खुमारी में लोग केमिकल युक्त रंगों का इस्तेमाल करने लगते हैं। जिसकी वजह से त्वचा संबंधित परेशानी होने लगती है। कई लोगों को स्किन रेशेज और एलर्जी, महीन दाने आदि होने लगती है। खासतौर पर एक्जिमा और क्रॉनिक स्किन डिजीज वाले लोगों को रंग खेलने में सावधानी रखनी चाहिए। रंग लगने के बाद नाखून नीले पडऩे लगे, तेज जलन हो तो  तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। 

किडनी फेलीयर से लेकर कैंसर तक कर सकते हैं केमिकल युक्त रंग

पुराने जमाने में हर्बल रंग घर पर तैयार किए जाते थे। जिसमें टेसू के फूल, गुडहल के फूल, चुकंदर, एनाटो पेड़ की छाल, हल्दी, मेहंदी को कॉर्न स्टार्च आदि का इस्तेमाल किया जाता था। वहीं आजकल बनने वाले केमिकल रंगों में सिल्वर में एल्यूमीनियम ब्रोमाइड, ब्लू में क्रुशीयन, कोबाल्ट, ग्रीन में मेलाशाइट, रेड में मरक्यूरिक सल्फाइड, काले रंग में लेड का इस्तेमाल होता है। इससे डर्मेटाइटिस, कैंसर, अस्थमा, और आंखों में सूजन भी हो सकती है। यहां तक कि स्किन में अवशोषित होने पर यह किडनी फेलीयर तक कर सकते हैं।

गीले रंगों में ऑयल की स्मेल होने पर न लें

गीले रंगों में एल्केलाइन का इस्तेमाल होता है। कई में ऑयल की स्मेल भी आती है ऐसे रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसमें इंजन ऑयल का इस्तेमाल होता है। यह स्किन में एब्जॉर्ब होकर किडनी डैमेज कर सकता है।  आजकल महीन पीसे हुए रंगों का इस्तेमाल भी होता है। यह पीएम 10 से भी छोटे कण होते हैं। यह सीधे नाक के रास्ते फेफड़ों में प्रवेश कर जाते हैं। यह अस्थमा रोगियों की बीमारी बढ़ा देते हैं।

यह हो सकती हैं समस्या

केमिकल युक्त रंगों से त्वचा खुरच जाती है, इसमें पीसा हुआ कांच और माइका का इस्तेमाल होता है। ऐसे में त्वचा में जलन, एलर्जी, महीन लाल दाने, चकत्ते भी पडऩे लगते हैं। एक्जिमा वाले मरीजों को ऐसे रंगों से एलर्जी बढ़ जाती है।

यह लक्षण हैं गंभीर

आंखों में केमिकल युक्त रंग पडऩे से कई बार कार्निया खुरच जाती है। कई बार यह अंधापन भी पैदा कर देती है। आंख धोने के बाद भी खुजली और गडऩ हो, पानी निकले, नाखून नीले पड़ जाएं, बहुत ज्यादा सांस फूले तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

ऐसे करें त्वचा का बचाव

रंग खेलने से पहले पूरी आस्तीन के कपड़े पहने, त्वचा पर नारियल, कड़वा तेल या विटामिन ई की हल्की मसाज कर लें। नाखूनों और अंगुलियों की पोरों पर ज्यादा ऑयल लगाएं। सन ग्लास लगाएं जिससे सीधे रंग आंखों पर न पड़े। नाखून पर डार्क रंग की नेल पॉलिश लगाएं।

रंग छुड़ाने के लिए त्वचा को न रगड़ें

अक्सर लोग त्वचा से रंग छुड़ाने के लिए शरीर साबुन से रगडऩे लगते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। पहले 15 मिनट तक सिर से पानी डालना चाहिए जिससे सारे रंग बह जाते हैं। इसके बाद माइल्ड साबुन से केवल एक बार ही नहाएं। रंग खेलने के बाद त्वचा सूखने लगती है ऐसे में गुलाब जल में ग्लिसरीन मिलाकर लगा लें। मॉश्चराइजर भी लगा सकते हैं। धूप में जाने से पहले सन स्क्रीन एसपीएफ 30 लगानी चाहिए। बालों में भी माइल्ड शैंपू का एक बार ही इस्तेमाल करना चाहिए।

यह न करें

कई बार लोग होली में रंग के बजाय डामर, पेंट आदि लगा देते हैं जो कि बेहद गलत है। अगर शरीर पर इस तरह के एजेंट लगे तो कभी स्प्रिट, थिनर, तारपीन आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 

पाठकों ने पूछे सवाल

सवाल-मेरी स्किन में अक्सर रेशेज पड़ते हैं, होली आने में परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है, मुझे क्या करना चाहिए। (भावना, रकाबगंज)

जवाब-अगर आपको अक्सर रेशेज पड़ते हैं तो ये डर्मेटाइटिस हो सकता है। किसी विशेषज्ञ डर्मेटोलॉजिस्ट से परामर्श लें। होली में केमिकल युक्त रंगों से बचें, रंग खेलने से पहले पूरे शरीर पर नारियल, सरसों या विटामिन ई लगा लें। 

सवाल- अगर होली खेलने में आंखों में रंग गिर जाए तो क्या करना चाहिए। (चंद्रशेखर, ऐशबाग)

जवाब- आंखों में अगर रंग गिर जाए तो सबसे पहले 10 मिनट तक आंखों में पानी डालना चाहिए। इसके बाद थोड़ी देर बैठकर यह देखना चाहिए कि आंख में किसी तरह का धुंधलापन, गडऩ या जलन तो नहीं हो रही है। इसमें से कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।

सवाल- नकली और असली रंगों की पहचान कैसे करें (कलीम, अंबेडकर नगर)

जवाब- अच्छी जगह से हर्बल रंग लें, लेने से पहले यह देखें कि इस पर इंडस्ट्रीयल कलर तो नहीं लिखा है। ऐसे रंग को न लें यह केमिकल युक्त होते हैं।

सवाल- कलर लगाने के बाद अगर स्किन में खुजली होने लगे तो क्या करें। (संदीप, गोंडा)

जवाब- हमेशा हर्बल रंगों का ही इस्तेमाल करें। रंग खेलने से पहले त्वचा पर ऑयल जरूर लगा लें। अगर रंग खेलने से किसी भी तरह की खुजली होने लगे तो तुरंत पानी से धो लें। इसके बाद कोई मॉश्चराइजर लगा ले, अगर फिर भी इर्रिटेशन न जाए तो त्वचा रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।

सवाल- होली का रंग छुड़ाने के बाद त्वचा बहुत खुश्क हो जाती है, इसके लिए क्या करें। (कविता, कैसरबाग)

जवाब- रंगों में केमिकल होते हैं जो त्वचा में ड्राईनेस पैदा करते हैं। इसलिए रंग खेलने से पहले त्वचा पर ऑयल लगा लें। रंग छुड़ाने के बाद त्वचा पर हल्का सा ऑयल या मॉश्चराइजर लगा लें।

सवाल- शरीर पर अगर रंग लग जाता है तो जल्दी नहीं छूटता है इसे कैसे हटाया जा सकता है। (पिंकी, बाराबंकी)

जवाब- कभी भी रंग छुड़ाने के लिए जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। त्वचा को ज्यादा रगडऩा भी नहीं चाहिए, एक बार ही साबुन लगाना चाहिए। स्किन अपने आप कुछ दिन में प्राकृतिक तौर पर ठीक हो जाती है।

सवाल-मुझे सांस लेने में दिक्कत है, लेकिन दोस्त फिर भी होली खेलने से चूकते नहीं हैं, मुझे क्या करना चाहिए। (सुरेश, बाराबंकी)

जवाब-अगर आपको सांस लेने में दिक्कत है तो रंग नहीं खेलना चाहिए। दोस्तों को समझाना चाहिए। बहुत ज्यादा होतो चेहरे पर रंग न लगवाएं और ड्राई रंग खेलने से बचें।

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