सफलता की कहानी सुनाएंगी बाराबंकी की 'कृषि सखियां', जानिए कैसे हासिल किया यह तमगा
बाराबंकी की छह महिलाएं कृषक महिला सशक्तीकरण खाद्य व पोषण सुरक्षा एवं ग्राम समृद्धि कार्यक्रम के लिए चयनित। 29 को कानपुर में राज्यपाल की मौजूदगी में साझा करेंगी सफलता के सूत्र। कई प्रदेशों की महिलाओं से साझा कर चुकी हैं अनुभव।
बाराबंकी, [दीपक मिश्रा]। घाघरा की तराई में बसे सूरतगंज ब्लॉक के अलग-अलग गांवों की रोली शुक्ला, अनीता देवी, मायादेवी, प्रीति देवी, पूनम देवी और रामावती 29 जनवरी को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति में देश के किसानों से अपनी सफलता की कहानी साझा करेंगी। कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले कृषक महिला सशक्तीकरण खाद्य व पोषण सुरक्षा एवं ग्राम समृद्धि कार्यक्रम के लिए जिले की छह महिलाओं का चयन किया गया है।
यूं हुआ चयन
समूह की यह महिलाएं श्री विधि से गेहूं-धान की खेती और जैविक खाद, किचन गार्डेन तैयार करने के साथ ही बकरी, मत्स्य और मधुमक्खी पालन के साथ मशरूम उत्पादन भी कर रही हैं। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के उपायुक्त सुनील कुमार तिवारी ने बताया कि नवोन्मेषी प्रवृत्ति के चलते ही इनको कृषि सखी का तमगा दिया गया है। आंध्र प्रदेश, बिहार की समूह की महिलाओं से अपने अनुभव साझा कर चुकीं इन महिलाओं की कहानी राज्य आजीविका मिशन को भेजी गई थी। इसके बाद 29 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम के लिए इनका चयन हुआ है।
इनका हुआ चयन
टाडपुर तुरकौली का भारत माता महिला ग्राम संगठन की वित्तीय सारक्षता कम्युनिटी रिर्सोस पर्सन रोली शुक्ला, बम्भनवा गांव के राधा प्रेरणा ग्राम संगठन की पशु सखी प्रीति देवी, एंडौरा गांव की उजाला प्रेरणा महिला ग्राम संगठन की कृषि सखी माया देवी, रिक्षली गांव में सूरज प्रेरणा महिला ग्राम संगठन की कृषि सखी अनीता देवी, मुकौली गांव में दिशा महिला ग्राम संगठन की पशु सखी पूनम देवी, ज्योली गांव में हरिओम महिला ग्राम संगठन की पशु सखी रमावती कार्यक्रम में उपस्थित होंगी।