Police Commissioner System: छह माह पूरे, पुलिस कमिश्नर प्रणाली की बन रही रिपोर्ट
Police Commissioner System 15 जनवरी को पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय ने ग्रहण किया था पदभार 13 को जारी हुई थी अधिसूचना।
लखनऊ [ज्ञान बिहारी मिश्र]। Police Commissioner System: राजधानी लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू हुए छह माह पूरे हो गए हैं। 13 जनरवरी को इसकी अधिसूचना जारी हुई थी। इन दोनों जिलों में पुलिस के छह माह के कार्यों की समीक्षा का वक्त आ गया है। इसके मद्देनजर लखनऊ पुलिस ने कमिश्नरेट प्रणाली के तहत पिछले छह माह में जो उपलब्धियां हासिल की हैं, उनकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।
राजधानी के पहले पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय ने 15 जनवरी 2020 को पदभार ग्रहण किया था। लखनऊ के साथ ही नोएडा में भी कमिश्नरेट प्रणाली लागू हुई थी। उसी समय निर्णय लिया गया था कि लखनऊ और नोएडा में पुलिस के छह माह के कार्यों की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि इस व्यवस्था को आगे जारी रखना है, अथवा नहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस पर सहमति दी थी। खास बात यह है कि कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद लखनऊ पुलिस के सामने कानून व्यवस्था की कोई बड़ी चुनौती उत्पन्न नहीं हुई। वहीं, पुलिस ने अधिकांश घटनाओं का राजफाश कर अपना इकबाल भी बुलंद रखा।
कोरोना संकट में मित्र साबित हुई पुलिस
लॉकडाउन में राजधानी पुलिस श्रमिकों और बेसहारों की मित्र बनकर सामने आई। इस दौरान पुलिस ने बुजुर्गों और अकेले रहने वाले लोगों के लिए न केवल दवाई, बल्कि अन्य आवश्यक सामग्री भी पहुंचाई।
रणजीत बच्चन हत्याकांड और चौक लूटकांड में त्वरित कार्रवाई
लखनऊ कमिश्नरेट व्यवस्था की शुरुआत में रणजीत बच्चन हत्याकांड ने पुलिस को चुनौती दे डाली। हालांकि, पुलिस ने एक सप्ताह में ही मुठभेड़ में मुख्य आरोपित को दबोच लिया। इसके बाद चौक में पान मसाला कारोबारी के नौकर की हत्या कर लाखों रुपयों की लूट ने पुलिस को परेशानी में डाल दिया। काफी समय बाद पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर वारदात का राजफाश किया था।
पुलिस की उपलब्धियां
क्या कहते हैं पुलिस कमिश्नर?
लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय के मुताबिक, पुलिस ने छह माह में बेहतर काम किया है। अपराध का ग्राफ कम हुआ है। अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर उन्हें पकड़ा जा रहा है। पुलिस ने टीम वर्क के साथ शानदार प्रदर्शन किया है।