सिल्क मार्क एक्सपो : आठ माह में बनती है एक साड़ी, कीमत सवा लाख lucknow news

सिल्क मार्क एक्सपो में उत्पाद लेकर पहुंचे देश के 11 रेशम क्लस्टर। निर्यात भवन में शुरू हुआ वस्त्र मंत्रालय का छह दिवसीय एक्सपो।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 19 Sep 2019 08:09 AM (IST) Updated:Thu, 19 Sep 2019 08:09 AM (IST)
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सिल्क मार्क एक्सपो : आठ माह में बनती है एक साड़ी, कीमत सवा लाख lucknow news

लखनऊ, जेएनएन। यूं देखें तो तरह-तरह के कपड़ों के ढेर हैं लेकिन, जरा किसी स्टॉल पर रुक जाएंगे तो हुनर को दाद देंगे और रेशम के कपड़ों की अहमियत को भी जान जाएंगे। देशभर के 11 रेशम क्लस्टर के उत्पादों का ऐसा ही संग्रह समेटे बुधवार को वस्त्र मंत्रालय का सिल्क मार्क एक्सपो शुरू हुआ। 

कैसरबाग स्थित निर्यात भवन में आयोजित छह दिवसीय एक्सपो का उद्घाटन प्रमुख सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग डॉ. नवनीत सहगल ने किया। उन्होंने बारी-बारी से उत्पादों की जानकारी ली। इनमें गुजरात से आए दुकानदार के स्टॉल पर एक साड़ी आकर्षण का केंद्र थी। इसकी कीमत बताई गई एक लाख बीस हजार रुपये। जब खासियत पूछी तो पता चला कि एक साड़ी तैयार होने में आठ माह का समय लगता है।

 

इसी तरह वृंदावन से आए कारीगर के स्टॉल पर साडिय़ों और अन्य रेशम वस्त्रों पर राधा-कृष्ण की कलाकृतियां उभरी हुई थीं। यहां पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना सहित कई राज्यों के क्लस्टर शामिल हुए हैं। खास बात है कि कीट से रेशम के धागे बनने तक की पूरी प्रक्रिया दिखाई और समझाई भी जा रही है।

प्रमुख सचिव डॉ. सहगल ने कहा कि इस प्रकार की प्रदर्शनी लगाने का मुख्य उद्देश्य कारीगरों को बढ़ावा देना है। हस्तशिल्पियों और कारीगरों की कला को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने और विपणन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। इस अवसर पर निदेशक रेशम नरेंद्र सिंह पटेल और भारतीय रेशम मार्क संगठन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी केएस गोपाल भी उपस्थित थे।

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