Lucknow: सोना लूटकांड में आरोपित पांच पुलिसकर्मियों समेत सात बरी, वर्ष 2006 का था बहुचर्चित मामला
लखनऊ में वर्ष 2006 में प्रयागराज के कारोबारी से चार किलो सोना लूटा गया था। इसमें पांच पुलिसकर्मियों समेत सात आरोपितों को सत्र अदालत ने सोमवार को बरी कर दिया है। इस मामले की एफआइआर विशाल वर्मा ने थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी।
लखनऊ, विधि संवाददाता। वर्ष 2006 में प्रयागराज के एक कारोबारी का चार किलो सोना लूटने के मामले में पांच पुलिसकर्मियों समेत सात आरोपितों को सत्र अदालत ने बरी कर दिया है। इस बहुचर्चित लूटकांड मामले में दारोगा संतोष सिंह व बृजनाथ यादव तथा तत्कालीन लखनऊ क्राइम ब्रांच के सिपाही सुशील पचौरी, आलोक सिंह व संतोष तिवारी को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने तीन किलो सोना भी बरामद किया था। इस दौरान दो अन्य आरोपी नीरज गुप्ता व सुभाष ने अदालत में आत्मसमर्पण किया था। एडीजे महेश कुमार कुशवाहा ने साक्ष्य के अभाव में सभी आरोपितों को बरी कर दिया है। इधर, फौजदारी के जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी ने बताया है कि इस फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की जाएगी।
ये है बहुचर्चित मामले की कहानी
19 सितंबर, 2006 को इस मामले की एफआइआर विशाल वर्मा ने थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी। हालांकि विवेचना थाना आशियाना को सौंप दिया गया था। विशाल वर्मा प्रयागराज के संजय गुप्ता का सोना खरीदने-बेचने का काम करते थे। उस रोज वह और उनके भाई मोनू वर्मा प्रयागराज से 36 लाख रुपये लेकर सोना खरीदने लखनऊ आए थे। दोनों भाइयों ने चौक इलाके में पंकज अग्रवाल की दुकान से चार किलो सोना खरीदा। इसके बाद टेंपो से चारबाग पहुंचे थे। दोनों ने दो-दो किलो सोना अपने कमर के पास छिपा रखा था। वहां से टाटा सूमो से प्रयागराज के लिए रवाना हुए।
मारुति पर आए थे लुटेरे
अंबेडकर मैदान से तेलीबाग की तरफ बढ़ते समय एक मारुति कार पर सवार पांच लोगों ने सूमो को रोक लिया। कार सवार लोगों ने खुद को पुलिसवाला बताते हुए दोनों भाई को अपनी कार में बैठा लिया था। इनकी आंख पर पट्टी बांध दी और रखा सोना ले लिया। फिर बारांबकी रोड पर उतार दिया। विशाल ने घटना की जानकारी फोन से संजय को दी और वापस चौक में पंकज अग्रवाल के पास गया। पंकज ने थाने भेजा, जिसके बाद एफआइआर दर्ज की गई।
विवेचना के दौरान पुलिसवाले गिरफ्तार, साथियों के पास मिला सोना
27 सितंबर, 2006 को चारबाग इलाके से क्राइम ब्रांच के सिपाही सुशील पचौरी व आलोक सिंह को गिरफ्तार किया गया था। इनके पास से सरकारी पिस्टल व कारतूस मिला। इनके बताने पर उसी दिन महानगर इलाके से श्रावस्ती में तैनात रहे दारोगा संतोष सिंह व सिपाही संतोष तिवारी को गिरफ्तार किया गया। इन दोनों के पास से एक-एक किग्रा सोना बरामद हुआ।
इसके अगले दिन कैसरबाग बस अड्डे से गोरखपुर में तैनात रहे दारोगा बृजनाथ यादव को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से एक किलो सोना बरामद हुआ था। 17 अक्टूबर, 2006 को गोरखपुर निवासी नीरज गुप्ता व सुभाष ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। छह दिसंबर, 2006 को इनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ था। यह सभी आरोपी जमानत पर रिहा हैं।