शहर से ’दूर’ कोरोना की दूसरी लहर, त्योहारों में नहीं बढ़ी संक्रमण दर; ट्रेसिंग-टेस्टिंग में आया परिणाम

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने राजधानी के इंट्री प्वाइंट पर स्क्रीनिंग-टेस्टिंग शुरू की। वहीं बाद में हाई रिस्क एरिया में टारगेटेड एंटीजेन-आरटीपीसीआर जांच कराकर वायरस की दूसरी लहर थामने में कामयाबी हासिल की। ऐसे में संक्रमण दर भी कम हुई।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Thu, 10 Dec 2020 08:01 AM (IST) Updated:Thu, 10 Dec 2020 08:01 AM (IST)
शहर से ’दूर’ कोरोना की दूसरी लहर, त्योहारों में नहीं बढ़ी संक्रमण दर;  ट्रेसिंग-टेस्टिंग में आया परिणाम
त्योहार के बाद लखनऊ में संक्रमण भयावह होने का था खतरा, ट्रेसिंग-टेस्टिंग आया काम।

लखनऊ, जेएनएन। करवाचौथ, धनतेरस, दीवाली पर बाजारों में भीड़ उमड़ी। लिहाजा त्योहार के बाद शहर में वायरस का प्रसार तेज होने का खतरा मंडरा रहा था। ऐसे में दूसरी लहर थामने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पुख्ता रणनीति बनाई। पहले जहां राजधानी के इंट्री प्वाइंट पर स्क्रीनिंग-टेस्टिंग शुरू की। वहीं बाद में हाई रिस्क एरिया में टारगेटेड एंटीजेन-आरटीपीसीआर जांच कराकर वायरस की दूसरी लहर थामने में कामयाबी हासिल की। ऐसे में संक्रमण दर भी कम हुई। मगर, वायरस की चेन ब्रेक कर पाना चुनौती बना हुआ है।

शहर में त्योहार को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया। ऐसे में एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप व शहर के टोल प्लाजा पर स्क्रीनिंग-टेस्टिंग बढ़ा दी। दूसरे राज्य, जनपद से आए संक्रमित व्यक्ति‍यों को चिन्हि‍त किया जा सका। वहीं ब्यूटी पॉर्लर , मेहंदी आर्टिस्ट, वाहन शोरूम, बर्तन दुकानदार, मिठाई दुकानदार, ज्र्वैलर्स , ठेला, रिक्शा, ऑटोचालकों का टेस्ट किया गया। संक्रमित व्यक्ति की समय पर पहचान कर उसे क्वारंटाइन कर दिया गया। उधर, हाई रिस्क एरिया में भी  टेस्टिंग शुरू कर दी गई। ऐसे में दिसंबर में संक्रमण दर जहां बढ़ने का खतरा था, वहीं गिरावट आ गई।

3.7 दिसंबर में संक्रमण दर

सीएमओ डॉ. संजय भटनागर के मुताबिक नवंबर में शहर की संक्रमण दर 3.9 फीसद थी। वहीं दिसंबर में घटकर 3.7 आ गई है। इसके अलावा मार्च से अब तक कुल संक्रमण दर 6.7 फीसद है। कांटेक्ट ट्रेसिंग-टेस्टिंग के नोडल ऑफीसर एसीएमओ डॉ. एमके सिंह के मुताबिक दूसरी लहर शहर में नहीं आ सकी। ऐसे में कांटेक्ट ट्रेसिंग , टारगेटेड सैंपलिंग, ज्यादा से ज्यादा एंटीजेन के साथ आरटीपीसीआर टेस्ट कराने की रणनीति रही। नवंबर में जहां एक दिन में छह से आठ हजार के बीच टेस्ट किए गए। वहीं दिसंबर में नौ से 11 हजार तक एक दिन में टेस्ट किए जा रहे हैं।

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