'जो इस खेल से मिला, बस वही लौटा रहा हूं’ सैयद मोदी Lucknow News

पूर्व ओलंपियन सैयद मोदी राजधानी के चंद्रभानु गुप्त मैदान में हॉकी खिलाडि़यों को दे रहे हैं प्रशिक्षण।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 15 Jul 2019 03:54 PM (IST) Updated:Mon, 15 Jul 2019 03:54 PM (IST)
'जो इस खेल से मिला, बस वही लौटा रहा हूं’ सैयद मोदी Lucknow News
'जो इस खेल से मिला, बस वही लौटा रहा हूं’ सैयद मोदी Lucknow News

लखनऊ [राजीव बाजपेयी]। राजधानी के चंद्रभानु गुप्त मैदान में पूर्व ओलंपियन सैयद अली अपनी नर्सरी में खिलाड़ियों को इस मकसद से तराशते और निखारते हैं कि वे किसी दिन देश के लिए खेल सके और हॉकी के फिर से सुनहरे दिन ला सकें। सैयद अली की नर्सरी से कई खिलाड़ी देश के लिए खेल भी चुके हैं। 33 साल से अनवरत जारी उनका प्रयास देश की निस्वार्थ सेवा का अप्रतिम उदाहरण है। महान हॉकी खिलाड़ी केडी सिंह बाबू की धरती पर उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे सैयद अली की नजर में वह कुछ खास नहीं कर रहे। वह कहते हैं, ‘जो इस खेल से मिला है, बस वही लौटा रहा हूं।’

भारत के लिए कई अंतराराष्ट्रीय हॉकी मैच खेल चुके सैयद अली के लखनऊ आने की कहानी भी बड़ी रोचक है। नैनीताल में उनकी कपड़े की सिलाई की दुकान थी। वहीं पर केडी सिंह बाबू ने उन्हें स्थानीय प्रतियोगिता में खेलते देखा तो लखनऊ ले आए। बता दें कि केडी सिंह ओलंपिक में 1948 (लंदन) और 1952 (हेलसिंकी) में हॉकी में गोल्ड जीतने वाली टीम में सदस्य थे। 1952 में तो वह टीम के उपकप्तान भी थे। यह केडी सिंह की प्रतिभा परखने की नजर ही थी, जिसने प्रशिक्षण देकर सैयद अली को 1976 की मॉन्टियल ओलंपिक टीम तक पहुंचाया। सैयद अली ने देश को कई यादगार क्षण दिए। आज भले ही वह खेल से रिटायर हो गए हैं, लेकिन वह पहले भी ज्यादा सक्रिय हैं। स्टेट बैंक में नौकरी कर रहे सैयद छुट्टी मिलते ही सीधे चंद्रभानु गुप्त मैदान पर पहुंच जाते हैं और हॉकी की प्रतिभाओं को तराशते हैं।

कई साथी करते हैं मदद

करीब 33 साल पहले पद्मश्री जमन लाल शर्मा के साथ सैयद अली ने बच्चों को हॉकी सिखाना शुरू किया। अधिकतर बच्चे साधनहीन थे। खेल के प्रति अपने जुनून के चलते सैयद ने बच्चों की जरूरतें पूरी करने लगे। सैयद के संघर्ष को देखकर कुछ साथियों ने हाथ बढ़ाया। इनमें से एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सुजीत कुमार आज तक साधनहीन बच्चों का भविष्य संवारने में मदद कर रहे हैं।

दाखिले के लिए शुल्क नहीं जुनून की दरकार

बिना सरकारी मदद के चलने वाली सैयद अली की नर्सरी में दाखिले के लिए शुल्क नहीं, हॉकी के लिए केवल जुनून की जरूरत होती है। इसी के सहारे इस नर्सरी से ललित उपाध्याय, आमिर, हरिकृपाल, राहुल शिल्पकार, सौरभ, विजय थापा, विवेकधर, अमित प्रभाकर, सिद्धार्थ शंकर, दीपक सिंह, शारदानंद तिवारी, कुमारी कमला रावत, कविता मौर्या और कमलेश जैसे खिलाड़ी इंडिया कैंप तक पहुंचे। कमल थापा, वीरबहादुर, अविनाश, मो. रफीक, कुमारी फरहा, अभिमन्यु, कवि यादव, विजय कुमार, प्रशांत कबीर, शुभम वर्मा, राहुल वर्मा, अंकित कुमार, आकाश यादव, सौरभ यादव, गौरव यादव राष्ट्रीय टीम के लिए खेल चुके हैं।

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