सिर्फ चालान काटने का लक्ष्य न बनाए पुलिस: सीएम योगी Lucknow News

लखनऊ में सड़क सुरक्षा रैली का शुभारंभ करते हुए बोले मुख्यमंत्री चालक नशे में हो तो लाइसेंस के साथ जब्त करें वाहन।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 16 Oct 2019 08:45 PM (IST) Updated:Wed, 16 Oct 2019 08:45 PM (IST)
सिर्फ चालान काटने का लक्ष्य न बनाए पुलिस: सीएम योगी Lucknow News
सिर्फ चालान काटने का लक्ष्य न बनाए पुलिस: सीएम योगी Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना बढऩे के बाद से पुलिस को उत्पीडऩ न करने की नसीहत अब तक आलाधिकारी देते रहे हैं। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दो टूक कह दिया है कि पुलिस सिर्फ चालान काटने का लक्ष्य न बनाए। वाहन चालकों को जागरूक करना भी जिम्मेदारी है। हां, शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ जरूर उन्हें सख्त रुख दिखाया है। कहा है कि ऐसे चालकों का लाइसेंस सहित वाहन भी जब्त कर लें।

सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत बुधवार को मुख्यमंत्री के कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास से 1090 चौराहे तक रैली निकाली गई। शुभारंभ समारोह में योगी ने कहा कि थोड़ी सी जागरूकता और सख्ती से सड़क हादसे रोके जा सकते हैं। पुलिस चालान काटने को अपना लक्ष्य न बनाए, बल्कि वाहन चालकों को जागरूक करना भी उसकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग के प्रयास सार्थक रहे हैं, लेकिन अब भी बहुत कुछ करना बाकी है। शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी है कि पाठ्यक्रम में यातायात नियमों को शामिल कर बच्चों को जागरूक करे।

परिवहन और पुलिस विभाग स्कूल-कॉलेजों में जाकर गोष्ठियां करे। वहीं, स्वास्थ्य विभाग सुनिश्चित करे कि यदि कोई हादसा हो ही जाए तो घायल तक अधिकतम दस मिनट में एंबुलेंस पहुंच जाए और गोल्डन आवर यानी एक घंटे में उसे बेहतर इलाज मिल जाए। इसके लिए नए ट्रॉमा सेंटर स्थापित होने चाहिए। परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अशोक कटारिया ने भी यातायात नियमों के प्रति जागरूकता पर जोर दिया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव आरके तिवारी, डीजीपी ओपी सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव परिवहन अरविंद कुमार, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य देवेश चतुर्वेदी, परिवहन आयुक्त धीरज साहू और परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर भी उपस्थित थे।

यूपी में सर्वाधिक मौतों पर चिंता

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क हादसों की वजह से सर्वाधिक मौतें उप्र में होती हैं। यह चिंतनीय है और इस पर अंकुश लगाना होगा।

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