अब चौथे नंबर पर भी मिल रहा मुंबई का कंफर्म टिकट, रेलवे ने बंद क‍िए कई प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर

पहले 10 बजे एसी और 11 बजे स्लीपर का तत्काल रिजर्वेशन खुलते ही दलाल बना लेते थे टिकट। 59 दलालों से पूछताछ के बाद बड़ी संख्या में प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर को रेलवे ने कर दिया है बंद।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 22 Feb 2020 08:23 AM (IST) Updated:Sat, 22 Feb 2020 08:23 AM (IST)
अब चौथे नंबर पर भी मिल रहा मुंबई का कंफर्म टिकट, रेलवे ने बंद क‍िए कई प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर
अब चौथे नंबर पर भी मिल रहा मुंबई का कंफर्म टिकट, रेलवे ने बंद क‍िए कई प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर

लखनऊ, जेएनएन। इंदिरानगर निवासी जितिन शर्मा को शनिवार को लखनऊ से मुंबई जाना था। वह चारबाग आरक्षण केंद्र गए और पहले नंबर पर मुंबई का थर्ड एसी के टिकट के लिए फॉर्म भरा। सुबह 10 बजे जैसे ही तत्काल की बुकिंग खुली उनका कंफर्म टिकट बन गया। इतना ही नहीं चौथे नंबर पर भी मौजूद यात्री का मुंबई का कंफर्म टिकट बन गया। जबकि एक सप्ताह पहले तक रेलवे के काउंटरों पर मुंबई का पहले नंबर पर भी वेटिंग का टिकट मिलता था।

आरपीएफ की दिल्ली में हुई बड़ी कार्रवाई का असर अधिक मांग वाली ट्रेनों के आरक्षण पर दिखने लगा है। रेलवे ने शमशेर सहित अब तक पकड़े गए 59 दलालों से पूछताछ के बाद बड़ी संख्या में प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर को बंद कर दिया है। अब ई-टिकट के करोड़ो के खेल में टेरर फंडिंग की बात सामने आने पर आरपीएफ और आइआरसीटीसी की टीम प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर वाले दलालों पर नजर रख रही है। आरपीएफ ने आइआरसीटीसी से उन पर्सनल यूजर आइडी की लिस्ट मांगी है। साथ ही प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर को रेलवे ने नष्ट कर दिया है।

ऐसे होता था हैक

दलाल एएनएमएस, मेड आई-बॉल एवं रेड बुल, जगुआर, साइकिल जैसे करीब एक दर्जन प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर से आइआरसीटीसी के आवेदन पत्र को पहले ही खोलकर यात्रियों के नाम सहित पूरा विवरण भर लेते थे। इन सॉफ्टवेयर से कैप्चा को बाईपास किया जाता था। बैंक अकाउंट की डिटेल भी भर ली जाती थी। जैसे ही सेंटर फॉर रेलवे इंफॉरमेशन सिस्टम सुबह 10 बजे एसी और 11 बजे स्लीपर का तत्काल रिजर्वेशन खुलता था। दलाल टिकट बना लेते थे।  

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