लखनऊ में ठिठुरन भरी सर्दी में जवानों ने दिखाया जोश, गणतंत्र दिवस परेड का पहला रिहर्सल

लखनऊ में गणतंत्र दिवस परेड को लेकर शनिवार को पहला रिहर्सल किया गया। इस रिहर्सल में सबसे आगे परेड कमांडर जिप्सी से चल रहे थे। विधान भवन के ठीक सामने से गुजरते हुए कमांडर ने मुख्य अतिथि को सलामी दी।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 22 Jan 2022 10:29 PM (IST) Updated:Sat, 22 Jan 2022 10:29 PM (IST)
लखनऊ में ठिठुरन भरी सर्दी में जवानों ने दिखाया जोश, गणतंत्र दिवस परेड का पहला रिहर्सल
विधान भवन के सामने आते ही टुकड़ी ने सलामी दी।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। शनिवार सुबह जब रिमझिम की फुहार गलन को और बढ़ा रही थी। उस समय सधे हुए कदमों से सेना, अर्द्धसैनिक बल और पुलिस व होमगार्ड के जवान 'कदम-कदम बढ़ाए जा खुशी के गीत गाए जा' जैसे देशभक्ति गीतों पर शानदार मार्च पास्ट करते हुए आगे बढ़ रहे थे। उनके बूटों की आवाज दूर तक सुनायी दी तो माहौल रोमांचित हो उठा। कुछ पल में ही सर्दी के माहौल को जवानों के जयघोष ने गर्म कर दिया।

गणतंत्र दिवस परेड को लेकर शनिवार को पहला रिहर्सल किया गया। इस रिहर्सल में सबसे आगे परेड कमांडर जिप्सी से चल रहे थे। विधान भवन के ठीक सामने से गुजरते हुए कमांडर ने मुख्य अतिथि को सलामी दी। इसके ठीक पीछे सेना की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल और फील्ड रेजीमेंट की आर्टीलरी तोप के वाहन चल रहे थे। हालाकि फुल ड्रेस रिहर्सल में शहरवासी टी-90 टैंक और इंफेंट्री वाहन बीएमपी को भी देख सकेंगे। इसके ठीक पीछे 11 गोरखा राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर की मार्च पास्ट टुकड़ी थी।

विधान भवन के सामने आते ही टुकड़ी ने सलामी दी। वहीं जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया जैसे गीत पर धुन बिखेरती सीआरपीएफ की बैंड टुकड़ी वातावरण में रोमांच भर रही थी। एसएसबी के बैंड के साथ सीआरपीएफ की मार्च पास्ट टुकड़ी ने भी अपनी तैयारियों को परखा। जबकि पुलिस के मार्च पास्ट के बाद महिला पुलिस ने भी शानदार कदमताल का प्रदर्शन किया। हर बार की तरह होमगार्ड की टुकड़ी देशभक्ति गीतों की छटा बिखेर रही थी। पीआरडी के बाद एनसीसी के तीनों विंग के कैडेटों का दल मार्च पास्ट करते हुए हजरतगंज की ओर बढ़ चला।

गोरखा के पाइप बैंड की कुमाऊंनी गीतों की धुन आकर्षित कर रही थी। जबकि डेयर डेविल्स की तरह होमगार्ड की थंडरबोल्ट टीम हाथ में तिरंगा लहराते हुए विधानभवन के सामने गुजरी। शिक्षण संस्थानों के कार्यक्रम के लिए जगह और टाइमिंग को भी परखा गया। यहां सेंट जोसेफ इंटर कालेज के संस्थापक अनिल अग्रवाल सहित कई संस्थानों के शिक्षक भी उपस्थित थे।

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