सेमेस्टर परीक्षा का प्राथमिक विद्यालयों में मखौल, किताबें देखकर बच्चों ने लिखे उत्तर

सेमेस्टर परीक्षा का हाल: कोई घर से लेकर आया आंसर शीट तो कहीं जूनियर के बच्चों को हाथ से लिखा अधूरा पेपर थमाया गया।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 10:22 AM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 10:22 AM (IST)
सेमेस्टर परीक्षा का प्राथमिक विद्यालयों में मखौल, किताबें देखकर बच्चों ने लिखे उत्तर
सेमेस्टर परीक्षा का प्राथमिक विद्यालयों में मखौल, किताबें देखकर बच्चों ने लिखे उत्तर

लखनऊ(जेएनएन)। राजधानी के प्राथमिक विद्यालयों में सेमेस्टर परीक्षा मखौल बन गई। प्राथमिक विद्यालय गुरुदीन खेड़ा में बच्चे बोर्ड पर प्रश्न देखकर, किताबों से उत्तर लिखते मिले। जबकि कुछ स्कूलों में दोपहर में उन्हें परिसर की सफाई में जुटा दिया गया। यह हाल, हिंदी व अंग्रेजी दोनों माध्यमों के स्कूलों का रहा।

बेसिक शिक्षा विभाग ने प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों ने सेमेस्टर परीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं। एक माह देरी से शुरू हुई परीक्षा में भी अव्यवस्थाएं हावी रहीं। स्थिति यह है कि प्राइमरी में बच्चों को प्रिंट पेपर देने के बजाय बोर्ड पर प्रश्न लिखे गए। वहीं, जूनियर में बीटीसी प्रशिक्षुओं ने हाथ से लिखकर पेपर दिया। शहर के निरालानगर में मॉडल के तौर पर स्थापित इंग्लिश मीडियम के प्राइमरी स्कूल में भी बोर्ड पर प्रश्न लिखे गए। वहीं दर्ज 103 बच्चों में से सिर्फ 41 ही आए। यहां बच्चों को परीक्षा की जानकारी ही नहीं थी।

छात्र काट रहे थे घास, छात्रओं ने चलाया फावड़ा

निरालानगर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में दर्ज 49 में से 40 बच्चे ही परीक्षा देने पहुंचे। पहली पाली में परीक्षा के बाद उन्हें परिसर की साफ-सफाई में जुटा दिया गया। छात्र जहां झाड़ू व घास काटते नजर आए। वहीं छात्रएं फावड़ा चला रही थीं। वहीं जागरण की टीम पहुंचने पर छात्र-छात्रओं को तुंरत क्लास में बुला लिया गया। दूसरी पाली में पीटी की परीक्षा शुरू कर दी गई। ऐसे में विद्यालय की इंचार्ज ममता ने कहा कि बच्चों को साफ-सफाई व पर्यावरण को महत्व बताने के लिए फील्ड साफ करने का टास्क दिया गया था।

सेमेस्टर परीक्षा का हर जगह ऐसा ही हाल

    मोहनलालगंज के गौरा प्राथमिक विद्यालय में बोर्ड पर प्रश्न लिखे गए। वहीं धनुआसांड विद्यालय में रजिस्टर के पेज पर प्रश्न लिखकर दिए गए।     काकोरी के भटाऊ जमलापुर स्कूल में 53 में से 43 बच्चे मौजूद रहे। कठिगरा प्राथमिक विद्यालय में 91 में से 81 बच्चे मौजूद रहे। प्राथमिक स्कूल के बच्चों को बोर्ड पर पेपर लिखा गया, वहीं जूनियर के बच्चों को हाथ से लिखा अधूरा पेपर थमाया गया।     बीकेटी के पांचों अंग्रेजी माध्यम स्कूल विद्यालय बेहटा, संसारपुर, भाखामऊ, अटेसुआ, सरायदामू में शिक्षकों ने ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न लिखे। जिन्हें पढ़कर बच्चों को उत्तर देने पड़े।     गोसाईगंज के प्राथमिक विद्यालय मलौली में ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न लिखे लिखे गए। हैरत की बात तो यह कि यहां उत्तर पुस्तिका भी बच्चों को ही लानी पड़ी।     इटौंजा क्षेत्र में भी ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न व पेपर देने के लिए कॉपी बच्चों को लानी पड़ी। पूर्व माध्यमिक विद्यालय कुम्हरांवा, महोना, अमानीगंज, महिगवा, सरैंया व प्राथमिक विद्यालय इटौंजा एक व दो, महोना बेलवा, गुलालपुर, परसहिया समेत आदि में अव्यवस्थाएं हावी रहीं।

यहां हो रही परीक्षाएं

    प्राइमरी-1367, जूनियर-472     सहा. व अशासकीय-192     कुल बच्चे पंजीकृत बच्चे-2,09,583

शारीरिक शिक्षा के पेपर, बनाते मिले क्राफ्ट

कक्षा एक से दो तक पहले दिन मौखिक पेपर था। वहीं कक्षा तीन से आठ तक सुबह की पाली में हंिदूी का पेपर हुआ। इसके अलावा दूसरी पाली में शारीरिक शिक्षा का पेपर था। वहीं निरालानगर में दूसरी पाली में बच्चे क्राफ्ट का टेस्ट देते मिले। जबकि यह पेपर अन्य दिन है। वहीं शिक्षिका को जब स्कीम दिखाई गई, तो उन्होंने पीटी शुरू करा दी।

निरालानगर के स्टोर व ब्लॉकों के कक्षों में डंप किताबें

स्कूलों का सत्र अप्रैल से शुरू हो गया था। वहीं तमाम बच्चों को पुस्तकें अभी नहीं मिल सकीं हैं। पुस्तकें निरालानगर के स्टोर व ब्लॉकों के कक्षों में डंप हैं। वहीं शिक्षकों ने बताया कि परीक्षा की स्कीम शनिवार शाम को वाट्सएप ग्रुप पर डाली गई। ऐसे में रविवार को अवकाश होने के चलते बच्चों की परीक्षा की जानकारी भी नहीं दी जा सकी।

क्या कहते हैं अफसर

बीएसए डॉ. अमरकांत का कहना है कि निराला नगर प्राथमिक विद्यालय में परीक्षा के दिन सफाई करते बच्चे और गोसाईगंज में परीक्षा देते छात्रयह सेमेस्टर परीक्षा थी। प्रश्नपत्र स्कूल स्तर पर ही तैयार किया गया। सवाल कम-ज्यादा हो सकते हैं। परीक्षा मानकों के अनुसार कराने के लिए बीआरसी व अन्य स्टाफ को निर्देश दिया जाएगा।

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