उत्तर प्रदेश में उफनाने लगीं नदियां, बाढ़ का खतरा मंडराया

बारिश की मूसलधार आखिर रविवार को थम गई। प्रदेश के ज्यादातर हिस्से में आसमान साफ रहने के साथ ही सूरज चमकने से फिर से उमस का अहसास हुआ।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Sun, 29 Jul 2018 09:11 PM (IST) Updated:Sun, 29 Jul 2018 10:09 PM (IST)
उत्तर प्रदेश में उफनाने लगीं नदियां, बाढ़ का खतरा मंडराया
उत्तर प्रदेश में उफनाने लगीं नदियां, बाढ़ का खतरा मंडराया

लखनऊ (जेएनएन)। बारिश की मूसलधार आखिर हफ्ते भर के बाद रविवार को थम गई। प्रदेश के ज्यादातर हिस्से में आसमान साफ रहने के साथ ही सूरज चमकने से फिर से उमस का अहसास हुआ। वहीं अधिकांश नदियां उफनने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों के सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। सैकड़ों बीघा खेत पानी में समा गए तो कहीं फसलें जलमग्न हैं, कटान जारी है। कई गांवों का मुख्यालय से संपर्क कट गया है। लोग दहशत में हैं।  

मीरजापुर के ग्राम पंचायत गोगांव में 50 बीघा से अधिक भूमि गंगा में समा गई। बलिया में घाघरा नदी ने तटवर्ती इलाकों में कटान तेज कर दिया है। पूर्वांचल में रविवार को भी बूंदाबांदी जारी रही। चंदौली जिले में मंसूरपुर, असूढा गांव में बिजली गिरी, जिसकी चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई जबकि सोनभद्र में एक युवती झुलस गई। सोनभद्र में शनिवार रात हुई बारिश के कारण आरंगपानी ग्राम पंचायत के बरवाटोला-खोखरी महुआ मार्ग स्थित ठेमा नदी पर निर्मित पुल पानी के तेज बहाव में बह गया। इससे कई गांवों का संपर्क कट गया। 

संगमनगरी इलाहाबाद में शनिवार आधी रात शुरू हुई बारिश रविवार दोपहर तक जारी रही। गंगा 50 और यमुना 90 सेंटीमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से बढ़ रही है। कासगंज के तराई क्षेत्र से गुजर रही गंगा रौद्र रूप धारण कर रही है। नरौरा बैराज से छोड़े गए डेढ़ लाख क्यूसेक पानी ने बाढ़ के हालात बना दिए हैं। प्रशासन ने जिलेभर में अलर्ट जारी कर दिया है। 

मेरठ में हस्तिनापुर, रामराज, शुक्रताल, पुरकाजी व खादर में बाढ़ की आशंका से लोग सुरक्षित स्थानों की तरफ जाने लगे हैं। मुजफ्फरनगर के गांव नरा में मकान की छत गिरने से मां-बेटे की मौत हो गई। सहारनपुर में यमुना के तटीय इलाकों व खेतों में पानी घुस गया है। रविवार को भी हथिनीकुंड बैराज से यमुना में 1.18 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यमुना अभी भी खतरे के निशान के करीब है। आज रात तक यह पानी दिल्ली में पहुंच सकता है। उधर,  बागपत-गाजियाबाद सीमा पर ङ्क्षहडन पर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के लिए बनाए गए पुल का मलबा और ङ्क्षहडन नदी की चौड़ाई संकरी होने से बागपत के शरफाबाद तथा गाजियाबाद के नेक, धींग व निठारी गांवों में पानी आ गया। विरोध में ग्रामीणों ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के पुल पर जाम लगा दिया। 

मुरादाबाद, सम्भल में सुबह से कहीं-कहीं बूंदाबांदी ही हुई। सम्भल में तीन से अधिक और बिलारी के खानपुर में एक मकान गिरा। मलबे में दबकर चार लोग घायल हो गए। अमरोहा के मंडी धनौरा थानाक्षेत्र में मकान की दीवार गिरने से बुजुर्ग दंपती घायल हो गए।

ट्रैक धंसने से दो घंटे थमे रहे ट्रेनों के पहिए

दानापुर मंडल के बक्सर रेलवे स्टेशन के पूर्वी गुमटी के पास रविवार शाम 4.30 बजे डाउन और अप रेल ट्रैक धंस जाने के कारण ट्रेनों के पहिए थम गए। इसके कारण बक्सर और पंडित दीनदयाल जंक्शन के बीच विभिन्न स्टेशनों पर ट्रेनें खड़ी हो गईं। दो घंटे बाद 6.30 बजे ट्रेनों का परिचालन बहाल हो गया। बताया जा रहा है कि अत्यधिक बारिश के कारण ट्रैक धंस गया। हालांकि अप लाइन में बक्सर स्टेशन के पीछे ही ट्रेनें खड़ी रहीं। वही डाउन लाइन में गहमर ब्रहमपुत्र मेल, भदौरा सिकंदराबाद दानापुर एक्सप्रेस, दिलदारनगर डाउन लूप में ईएमयू पैसेंजर तथा डाउन मेन इंदौर पटना एक्सप्रेस, जमानियां में पैसेंजर ट्रेन खड़ी रहीं।

उप्र में बारिश से अब तक 70 मौतें, राहत कार्य में तेजी 

चार दिनों से जारी बारिश में घर गिरने और आकाशीय बिजली से 70 लोगों की मौत हो चुकी है और 77 लोग घायल हुए हैं। कच्चे-पक्के 408 मकानों के क्षतिग्रस्त होने के साथ 33 पशुओं की भी मौत हुई है। सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए राहत और क्षतिपूर्ति का काम तेज कर दिया है। राहत आयुक्त संजय कुमार के अनुसार अब तक करीब 117 लाख 80 हजार रुपये की राहत राशि बांटी जा चुकी है। जिन जिलों में अब तक यह नहीं बांटी जा सकी है वहां लाभार्थियों के खाते में सोमवार तक यह राशि आरटीजीएस के जरिये पहुंच जाएगी। गौरतलब है कि आपदा में मृतक के परिजन को चार लाख, घायल को 59100, कच्चे-पक्के मकान की पूर्ण क्षति पर 95100 एवं आंशिक क्षति में 5200 और झोपड़ी क्षतिग्रस्त होने पर 4100 रुपये की मदद दी जाती है। 

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