लखनऊ से कोटद्वार तक के रेल नेटवर्क को भूल गया रेलवे

एक साल पहले यह पुल तैयार हो गया। नजीबाबाद व कोटद्वार के बीच रेल यातायात भी शुरू हो गया है, लेकिन नजीबाबाद तक छह से सात घंटे की सड़क यात्रा करने को मजबूर हैं हजारों लोग।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 10 Nov 2018 11:02 AM (IST) Updated:Sat, 10 Nov 2018 02:51 PM (IST)
लखनऊ से कोटद्वार तक के रेल नेटवर्क को भूल गया रेलवे
लखनऊ से कोटद्वार तक के रेल नेटवर्क को भूल गया रेलवे

लखनऊ, (जेएनएन)। पर्वतीय क्षेत्र कोटद्वार तक कभी दून एक्सप्रेस से आरामदायक सफर करने वाले हजारों यात्रियों की मुश्किल इन दिनों बढ़ गई है। दो साल पहले नजीबाबाद से कोटद्वार को जोडऩे वाला पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके चलते दून एक्सप्रेस में कोटद्वार तक जाने वाली बोगी हटा दी गई। अब एक साल हो गए पुल को दोबारा शुरू हुए, रेल नेटवर्क भी शुरू हो गया है लेकिन रेलवे दोबारा इस रूट के लिए बोगी लगाना भूल गया है। उत्तराखंड प्रवासी शिल्पकार सभा ने इसकी शिकायत गृहमंत्री राजनाथ सिंह से की है।

उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के कोटद्वार और लखनऊ के बीच दून एक्सप्रेस ही एकमात्र ट्रेन थी। दून एक्सप्रेस में लगी अतिरिक्त बोगी नजीबाबाद में अलग कर दी जाती थी। नजीबाबाद कोटद्वार पैसेंजर में इस बोगी को जोड़कर उसे कोटद्वार भेजा जाता था। यही बोगी वापसी में रात 10 बजे दिल्ली जाने वाली पैसेंजर से नजीबाबाद लाकर इसे रात में 12 बजे देहरादून से हावड़ा जाने वाली दून एक्सप्रेस में जोड़कर लखनऊ रवाना किया जाता था। नजीबाबाद-कोटद्वार के बीच पुल दो वर्ष पहले बरसात में क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसके कारण लगभग पूरे एक वर्ष तक इस रेल मार्ग पर यातायात बंद था। रेलवे ने लखनऊ से कोटद्वार का आरक्षित टिकट अपने कंप्यूटर सिस्टम से बनाना बंदकर दिया था। ऐसे में यात्री दूसरी ट्रेनों से नजीबाबाद तक जाकर वहां से सड़क मार्ग से कोटद्वार पहुंचते हैं। वापसी में छह से सात घंटे सड़क मार्ग से वह नजीबाबाद पहुंचकर लखनऊ के लिए ट्रेनें पकड़ते हैं। नजीबाबाद में भी उनको सर्दी में इंतजार करना पड़ता है।

एक साल पहले यह पुल तैयार हो गया। नजीबाबाद व कोटद्वार के बीच रेल यातायात भी शुरू हो गया है, लेकिन रेलवे अब तक 13009/10 दून एक्सप्रेस में कोटद्वार तक स्लीपर क्लास की बोगी नहीं लगा रहा है। उत्तराखंड के लोगों को हो रही दिक्कत को देखते हुए शिल्पकार सभा के महामंत्री विनोद शिल्पकार ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्य मंत्री से भी बोगी को लगाने की मांग की है।

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