हादसे के बाद ट्रैक पर नहीं फंसेंगी ट्रेनें, रेलवे बनाएगा डायवर्टेड रूट Lucknow News

उत्तर प्रदेश में रेलवे बनाएगा वैलल्पिक रूट प्रयाग से उन्नाव तक रेल विद्युतीकरण के बाद डायवर्जन होगा आसान यात्रियों को मिलेगी राहत।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 04 Jan 2020 01:39 PM (IST) Updated:Sat, 04 Jan 2020 01:39 PM (IST)
हादसे के बाद ट्रैक पर नहीं फंसेंगी ट्रेनें, रेलवे बनाएगा डायवर्टेड रूट  Lucknow News
हादसे के बाद ट्रैक पर नहीं फंसेंगी ट्रेनें, रेलवे बनाएगा डायवर्टेड रूट Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। किसी भी हादसे के समय ट्रेनों के डायवर्जन के कारण लखनऊ रेल मंडल के ट्रेन ऑपरेशन के प्रभाव को अब कम किया जा सकेगा। रेलवे प्रयाग से ऊंचाहार होकर उन्नाव तक रेल विद्युतीकरण के बाद इसको नए वैकल्पिक रूट के रूप में तैयार करेगा। रेलवे डायवर्ट रूट का जाल बिछाने की तैयारी कर रहा है, जिससे भविष्य में किसी दुर्घटना के समय ट्रेनें अधिक देर तक प्रभावित न हों।

इसी प्रोजेक्ट के तहत शुक्रवार को मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त एसके पाठक ने डीआरएम संजय त्रिपाठी सहित कई अधिकारियों के साथ उन्नाव-ऊंचाहार रेलखंड के विद्युतीकरण प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया। उनकी क्लीयरेंस मिलते ही उन्नाव-ऊंचाहार के बीच इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें दौड़ सकेंगी। 

वाराणसी से सुलतानपुर, रायबरेली और फैजाबाद रूट लखनऊ आता है, जबकि लखनऊ से हरदोई होकर मुरादाबाद के रास्ते दिल्ली, पंजाब और जम्मू की ट्रेनों की मेन लाइन है। पूर्वोत्तर रेलवे ने ऐशबाग से सीतापुर तक छोटी लाइन को बड़ी लाइन में बदलकर रोजा-शाहजहांपुर होकर नया वैकल्पिक रूट बना लिया था। हालांकि, इसका रेल विद्युतीकरण नहीं हो सका था। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने ऐशबाग-सीतापुर-लखीमपुर तक रेल विद्युतीकरण प्रोजेक्ट को मंजूरी दी, जिसके बाद काम शुरू हो गया है। इस फैसले से संकट के समय प्रतापगढ़ या रायबरेली से प्रयाग-ऊंचाहार उन्नाव के रास्ते कानपुर होकर ट्रेनों को दिल्ली और झांसी रूट की ओर भेज सकेगा। वहीं, जल्द ही सीतापुर तक रेल विद्युतीकरण का निरीक्षण होते ही गोरखपुर की ओर से आने वाली ट्रेनें भी डायवर्ट होकर सीतापुर-ऐशबाग होकर निकल सकेंगी। 

फिलहाल ये दिक्कतें आतीं हैं सामने किसी दुर्घटना के कारण वाराणसी से लखनऊ के बीच ट्रेनें बुरी तरह प्रभावित होती हैं।  बदले मार्ग से आते समय अधिकांश ट्रेनें लखनऊ मंडल में ही छह से आठ घंटे तक फंस जाती हैं।  उतरेटिया और मल्हौर की ओर से आने वाली ट्रेनें दिलकुशा से सिंगल लाइन दुर्घटना होने के कारण खड़ी रह जाती हैं।  इलेक्ट्रिक लाइन की ट्रेनों के लिए अचानक डीजल इंजनों की व्यवस्था करना भी मुश्किल हो जाता है।  मालगाडिय़ों को खड़ा कर इंजनों को डायवर्ट होने वाली ट्रेनों में लगाया जाता है।  डीआरएम संजय त्रिपाठी ने कहा कि उन्नाव-ऊंचाहार विद्युतीकरण महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। रेलवे कई वैकल्पिक रूट तैयार कर रहा है, जिससे भविष्य में किसी कारणों से ट्रेनों को आसानी से डायवर्ट किया जा सके। 

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