रात में सफर को लेकर रेलवे ने बनाए नए नियम, अब यात्रियों की नींद में नहीं पड़ेगी खलल

Indian Railways ट्रेनों में रात में यात्रा करने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब चलती ट्रेन में रात को तेज आवाज बात करना शोर मचाना और गाना सुनना अब यात्रियों को महंगा पड़ेगा। अगर ऐसा कोई करता है तो उसके खिलाफ आरपीएफ और टीटीई सख्त कार्रवाई कर सकेंगे।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Mon, 24 Jan 2022 12:18 PM (IST) Updated:Mon, 24 Jan 2022 08:24 PM (IST)
रात में सफर को लेकर रेलवे ने बनाए नए नियम, अब यात्रियों की नींद में नहीं पड़ेगी खलल
रेलवे बोर्ड ने आरपीएफ अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी जोनल रेलवे प्रबंधकों को पत्र जारी किया है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। चलती ट्रेन में रात को तेज आवाज बात करना, शोर मचाना और गाना सुनना अब यात्रियों को महंगा पड़ेगा। ट्रेनों में रात 10 बजे के बाद तेज आवाज होने पर टीटीई व टिकट चेकिंग स्टाफ के साथ आरपीएफ के जवान कार्रवाई करेंगे। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक नीरज शर्मा ने आरपीएफ अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी जोनल रेलवे प्रबंधकों को पत्र जारी किया है।

पत्र में कहा गया है कि यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर अभियान चला जाए। जिससे ट्रेनों में तेज आवाज में म्यूजिक सुनना, तेज आवाज में देर रात बात करना, लाइट जलाने पर रोक लगायी जा सके। दरअसल ट्रेनों में रात 10 बजे के बाद मोबाइल फोन पर तेज बातें करने और म्यूजिक सुनने के कारण कई यात्रियों को नींद में बाधा पहुंच रही है। यात्रियों ने रेल मंत्रालय को इसकी शिकायतें भी भेजी हैं। विशेषकर एसी क्लास में सफर करने वाले यात्रियों को बोगी में तेज आवाज बात करने वाले यात्रियों से परेशानी हो रही है। इसे देखते हुए रेलवे बोर्ड ने आरपीएफ के अधिकारियों के साथ एक बैठक पिछले सप्ताह की।

बैठक में ही सभी जोनल और मंडल स्तर के अधिकारियों को ट्रेनों में सघन जांच कराने के आदेश दिए गए। ट्रेन में टिकट चेकिंग करने वाले टीटीई को रात में यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई यात्री तेज बातें तो नहीं कर रहा है। यदि यात्री तेज आवाज करते हुए पाया गया तो ट्रेन में मौजूद आरपीएफ एस्कार्ट के साथ मिलकर उस यात्री के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं यदि ट्रेन में एस्कार्ट न हुआ तो अगले ठहराव वाले स्टेशन पर स्थित आरपीएफ पोस्ट की मदद ली जाएगी। इस व्यवस्था को अभियान के रूप में इसी सप्ताह शुरू किया जाएगा। इसकी निगरानी रेल मंत्रालय करेगा।

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