UP Assembly Chunav 2022: अमेठी से चुनाव लड़ सकती हैं प्रियंका गांधी वाड्रा
UP Assembly Chunav 2022 अमेठी से देश को सियासी संदेश देने की कोशिश में कांग्रेस। 19 की स्मृति पर 20 पड़ने को 24 से पहले 22 की तैयारी। कांग्रेस यहां 2019 में मिली हार की स्मृति को धूमिल करना चाहती है।
अमेठी [दिलीप सिंह]। UP Assembly Chunav 2022: जी-23 और उत्तर-दक्षिण के 'राहुकाल' के कारण इन दिनों चर्चाओं के केंद्र में आई कांग्रेस, अमेठी से देश को बड़े सियासी संदेश की तैयारी में है। पिछले कुछ दिनों से बढ़ी हलचल बताती है कि कांग्रेस यहां 2019 में मिली हार की 'स्मृति' को धूमिल करना चाहती है। इसके लिए 2022 में अमेठी के रास्ते यूपी साधने की तैयारी में प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा व उनकी टीम जुट गई हैं।
संकेत मिल रहे हैं कि 19 की स्मृति पर 20 पड़ने के लिए 24 से 22 पर निशाना है। राहुल की हार के बाद गांधी परिवार न तो अमेठी में खुद को सहज महसूस कर रहा है और न ही इसे छोड़ पा रहा है। सोनिया गांधी की अस्वस्थता के बीच पंजा अब प्रियंका की उंगली पकड़कर यहां वापसी की रणनीति तैयार करने में जुट गया है। हालांकि, अमेठी में कोई कांग्रेसी इस बारे में बोलने को तैयार नहीं। लेकिन, पार्टी के केंद्रीय कार्यालय और परिसर में बने राहुल-प्रियंका के आवास पर हो रही रंगाई-पोताई बहुत कुछ बोल रही है। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंघल प्रियंका के अमेठी से विधानसभा चुनाव लड़ने के कयास पर सीधा जवाब नहीं देते, मगर कहते हैं कि अमेठी से राहुल व प्रियंका परिवार का रिश्ता मानते हैं। परिवार से कोई कभी दूर कैसे रह सकता है। प्रियंका यहां से लड़ें या रायबरेली से जीत तय है।
विकास कार्यों पर खर्च हो रही कांग्रेस सांसदों की निधि
अमेठी में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल, पीएल पुनिया व रेखा की सांसद निधि के पैसे खर्च हो रहे हैं। नल, सोलर लाइट व हाई मास्ट लाइट के साथ ही सड़क पर भी पैसा खर्च किया जा रहा है। कांग्रेस की ओर से 16 स्कूलों को भी पांच-पांच लाख की रकम दी गई है। ये इशारा कर रही हैं कि कांग्रेस यहां लंबी तैयारी में है। लोग कहते हैं कि आज नहीं तो कल प्रियंका को अपना चुनावी सफर शुरू तो करना ही है और उसके लिए अमेठी से बेहतर रास्ता कौन होगा।
इसलिए भी अहम है अमेठी
कांग्रेस पिछले डेढ़ साल में यह समझ गई है कि अमेठी में राहुल गांधी की हार से बड़ा उसका असर है, जो उसे हर मौके पर चुभता है। कांग्रेस के एक बड़े नेता ने कहा कि जब कांग्रेस किसी बात को लेकर आगे बढ़ती है तो अमेठी की हार का ब्रेकर उसके सामने कर दिया जाता है।
तो इन्हें दिया गया G-23 का नाम
कांग्रेस के 23 नेताओं ने पिछले साल कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को खत लिखकर पार्टी के कामकाज के तरीके और नेतृत्व पर सवाल उठाया था। तभी से इन नेताओं के समूह को G-23 नाम से चर्चा मिली।
राहुल गांधी का 'उत्तर-दक्षिण' बयान
बता दें, बीती 23 फरवरी को तिरुवनंतपुरम में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने कहा था कि पहले 15 वर्षों के लिए मैं उत्तर (भारत) से एक सांसद था। मुझे एक अलग प्रकार की राजनीति की आदत हो गई थी। केरल आने पर मुझे अलग तरह का अनुभव हुआ क्योंकि मैंने अचानक पाया कि लोग मुद्दों में रुचि रखते हैं और न केवल सतही तौर पर बल्कि मुद्दों में विस्तार से जाते हैं।