लखनऊ के सिविल अस्‍पताल में निजी डॉक्‍टर धड़ल्‍ले से कर रहे मरीजों का ऑपरेशन, कई डॉक्‍टरों की मिलिभगत उजागर

डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में आकर पांच छह महीने से बेखौफ होकर आपरेशन थिएटर में बाहरी मरीजों का आपरेशन करने वाले निजी अस्पताल के डाक्टर की सेटिंग अस्पताल के कई बड़े डाक्टरों और चिकित्सा अधिकारियों के साथ भी थी।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Wed, 17 Mar 2021 12:24 PM (IST) Updated:Wed, 17 Mar 2021 12:24 PM (IST)
लखनऊ के सिविल अस्‍पताल में निजी डॉक्‍टर धड़ल्‍ले से कर रहे मरीजों का ऑपरेशन, कई डॉक्‍टरों की मिलिभगत उजागर
सिविल अस्‍पताल के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में भी था निजी डाक्टर द्वारा आपरेशन करने का मामला।

लखनऊ, जेएनएन। डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में आकर पांच छह महीने से बेखौफ होकर आपरेशन थिएटर में बाहरी मरीजों का आपरेशन करने वाले निजी अस्पताल के डाक्टर की सेटिंग अस्पताल के कई बड़े डाक्टरों और चिकित्सा अधिकारियों के साथ भी थी। यदि ऐसा नहीं होता तो वह डाक्टर सरकारी अस्पताल के आपरेशन थिएटर में कदम भी नहीं रख सकता था। उसके आपरेशन करते वक्त अस्पताल के ही कई सरकारी डाक्टर साथ में रहा करते थे। यहां तक कि उच्च चिकित्सा अधिकारी भी आपरेशन थिएटर का राउंड लगाते रहते थे। ऐसे में यह संभव नहीं है कि उच्च अधिकारियों के संज्ञान के बगैर आपरेशन फर्जीवाड़े का खेल चल रहा हो, मगर जानबूझकर सिविल अस्पताल का प्रबंधन इस पूरे मामले से अनजान बना हुआ था। 

सोमवार को जब आरोपित डाक्टर अनुभव अग्रवाल फिर एक मरीज का हिप रिप्लेसमेंट करने पहुंचा तो वह आपरेशन थिएटर में ही कैमरे में कैद हो गया। इस बात की जानकारी अस्पताल के उच्च अधिकारियों के पास पहुंची तो उनमें खलबली मच गई। लिहाजा मजबूरी में उन्हें मामले पर जांच बैठानी पड़ी। पहले दिन अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि जांच दो दिन में पूरी हो जाएगी और रिपोर्ट भी आ जाएगी। मगर घटना के दूसरे दिन अस्पताल प्रबंधन यह भी नहीं बता सका कि जांच टीम में कौन-कौन से डाक्टर शामिल किए गए हैं। इससे समझा जा सकता है कि इस गंभीर मामले पर जांच की प्रगति क्या है और प्रबंधन इस फर्जीवाड़े को लेकर कितना गंभीर है।

आपरेशन के नाम पर मरीजों से लिए जाते थे लाखों रुपये: आरोपित समेत उसके साथ फर्जीवाड़े में शामिल सिविल के अन्य डाक्टर ऐसे मरीजों की तलाश में रहते थे जिनका कोई आपरेशन होना रहता था। फिर ऐसे मरीजों को निजी अस्पताल से कम खर्च में बेहतरीन आपरेशन करने का झांसा देकर लाखों रुपये ऐंठे जाते थे। सिविल अस्पताल में सभी डाक्टर मिलकर आपरेशन किया करते थे।

सिविल अस्पताल के निदेशक, डा. सुभाष चंद्र सुंदरियाल ने बताया कि इस पूरे मामले में जांच की जा रही है। मंगलवार को अस्पताल में इसी मामले पर एक लंबी बैठक भी हुई है। अगले एक-दो दिन में रिपोर्ट आ जाएगी। निजी डाक्टर यहां आपरेशन करने कैसे आ रहा था व इस खेल में कौन-कौन शामिल था? यह सब जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

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