लगातार छापेमारी के बावजूद दयाशंकर का सुराग तक नहीं

बसपा की मुखिया के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने के बाद केस दर्ज होने के कारण दयाशंकर सिंह फरार हैं। पुलिस उन्हें अब तक पकड़ नहीं सकी है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Thu, 21 Jul 2016 05:05 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jul 2016 09:10 PM (IST)
लगातार छापेमारी के बावजूद दयाशंकर का सुराग तक नहीं

लखनऊ (जागरण न्यूज नेटवर्क)। बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी के आरोपी भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के खिलाफ लखनऊ में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस उन्हें अब तक पकड़ नहीं सकी है।

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आज लखनऊ और बलिया में उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई, लेकिन दयाशंकर का सुराग नहीं लग सका। पुलिस भाजपा नेता के लखनऊ में होने की बात से इन्कार कर रही है। एएसपी पूर्वी शिवराम यादव के मुताबिक बुधवार को वह मऊ में थे, उसके बाद गोरखपुर में लोकेशन मिली। पुलिस ने सबसे पहले लखनऊ के कैसरबाग स्थित आफीसर्स कालोनी में छापा मारा। पुलिस के मुताबिक ऑफीसर्स कालोनी स्थित एक फ्लैट में दयाशंकर सिंह रहते हैं, जहां ताला बंद है। यह फ्लैट किसी अन्य व्यक्ति के नाम आवंटित है। बताया गया कि पूर्व में भाजपा नेता यहां परिवार संग रहते थे। बाद में वह कहीं और जाकर रहने लगे थे। उधर, बलिया में पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा के निर्देश पर सुबह करीब साढ़े दस बजे बारिश के बीच हरिपुर स्थित आवास पर छापा मारा गया, लेकिन वाहनों को छोड़ कुछ नहीं मिला। आवास विकास कालोनी स्थित उनके एक अन्य ठिकाने पर पुलिस गई पर वहां भी सुराग नहीं लगा। पूछताछ के लिए उनके छोटे भाई धर्मेंद्र ङ्क्षसह को हिरासत में ले लिया गया है, जिस पर छात्रों ने पुलिस लाइन में विरोध किया और मायावती का पुतला भी फूंका। शाम को धर्मेंद्र को छोड़ दिया गया। फिलहाल पुलिस दयाशंकर के मूल निवास बिहार के बक्सर जिले के छोटका राजपुर में टोह लेने में जुटी है। बुधवार देर रात बसपा के राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम ने लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में दयाशंकर सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उनके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

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उड़ती रहीं अफवाहें

दयाशंकर की गिरफ्तारी को लेकर दिनभर अफवाहों का बाजार गर्म रहा। उनके मऊ में पकड़े जाने की चर्चा भी रही। गुरुवार दोपहर उनके सीजेएम कोर्ट में समर्पण करने की तैयारी की चर्चा ने भी जोर पकड़ा।

बहुजन समाज पार्टी से 36 घंटे का अल्टीमेटम मिलने के बाद प्रदेश पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के निष्किासित नेता दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी के प्रयास को तेज कर दिया है। बसपा की मुखिया के खिलाफ बेहद अमर्यादित टिप्पणी करने के बाद केस दर्ज होने के कारण दयाशंकर सिंह फरार हैं।

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