अयोध्या: जमीन पर उतरने लगी भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण की तैयारी, नींव की पाइलिंग के लिए स्थान चिह्नित

भगवान राम की नगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में महीनों के होमवर्क के बाद भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर निर्माण की तैयारी जमीन पर उतरने लगी है। अब उन स्थलों को चिह्नित किया जाने लगा है जहां मंदिर की पुख्ता नींव तैयार करने के लिए पाइलिंग होनी है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 01:28 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 01:33 AM (IST)
अयोध्या: जमीन पर उतरने लगी भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण की तैयारी, नींव की पाइलिंग के लिए स्थान चिह्नित
एक हजार वर्ष तक अक्षुण्ण रहने वाले राम मंदिर के लिए नींव की मजबूती को अहम माना जा रहा है।

अयोध्या, जेएनएन। भगवान राम की नगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में महीनों के होमवर्क के बाद भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर निर्माण की तैयारी जमीन पर उतरने लगी है। कार्यदायी संस्था एलएंडटी एवं टाटा कंसल्टेंसी के विशेषज्ञों की देख-रेख में उन स्थलों को चिह्नित किया जाने लगा है, जहां मंदिर की पुख्ता नींव तैयार करने के लिए पाइलिंग होनी है। एक हजार वर्ष तक अक्षुण्ण रहने वाले इस कालजयी मंदिर के लिए नींव की मजबूती को बेहद अहम माना जा रहा है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट नींव की मजबूती से कोई समझौता नहीं करना चाहता। 360 फीट लंबे, 235 फीट चौड़े और 161 फीट ऊंचे श्रीराम मंदिर के लिए 20 से 60 मीटर तक गहरी और एक मीटर व्यास की 1200 पाइलिंग होनी है। पाइलिंग के ऊपर राफ्टिंग के बाद प्री कास्ट सीमेंट अथवा चुनार के पत्थर की पांच-छह फीट मोटी परत से मंदिर की नींव को और पुख्ता करने की योजना है।

कुल 1200 पाइलिंग का होना है निर्माण : नींव के लिए जरूरत के हिसाब से 20 से 60 मीटर तक गहरी और एक मीटर व्यास की कुल 1200 पाइलिंग का निर्माण होना है। युगों तक पाषाण के मंदिर का भार संभाल सकने वाली पाइलिंग को बेहद दृढ़ बनाए जाने का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। पाइलिंग निर्माण की प्रक्रिया क्या होगी और इसमें प्रयुक्त कंक्रीट-सीमेंट का क्या अनुपात होगा, इसका परीक्षण आइआइटी, चेन्नई सहित कई अन्य अंतरराष्ट्रीय ख्याति की निर्माण संस्थाओं के विशेषज्ञों की देख-रेख में गत माह ही कर लिया गया है।

इसी माह स्थायी पाइलिंग का निर्माण होगा शुरू : टेस्ट पाइलिंग के निर्माण और परीक्षण के बाद समझा जाता है कि इसी महीने की 15 तारीख से स्थायी पाइलिंग का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। इस उम्मीद को अयोध्या में ही सात-आठ दिसंबर को प्रस्तावित राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक से भी बल मिल रहा है। पाइलिंग के स्थलों का चूने से चिह्नीकरण इसी तैयारी का पूर्वाभास माना जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर 360 फीट लंबा और 235 फीट चौड़ा है। पाइलिंग रामलला के मूल गर्भगृह को समेटे इसी भू क्षेत्र में होनी है।

मंदिर की नींव को लेकर अति सतर्कता : राम मंदिर निर्माण की मुहिम से जुड़े विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा के अनुसार मंदिर की नींव को लेकर अति सतर्कता बरती जा रही है और निर्माण की दिशा में फूंक-फूंक कर कदम बढ़ाया जा रहा है। शर्मा का मानना है कि पाइलिंग का निर्माण शुरू होने के साथ मंदिर निर्माण की गति पूरी तीव्रता से आगे बढ़ेगी और वह दिन दूर नहीं, जब भव्य-दिव्य मंदिर आकार लेता नजर आने लगेगा। प्रस्तावित मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा और इसमें एक मुख्य शिखर तथा पांच उप शिखर होंगे। मंदिर में पौने चार लाख टन पत्थर प्रयुक्त होने का अनुमान है।

आठ दिसंबर को मंदिर के मूल ढांचे पर लगेगी अंतिम मुहर : सात और आठ दिसंबर को श्रीराम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक होगी, जिसमें मंदिर निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ाने पर निर्णायक चर्चा होगी। मूल ढांचे के निर्माण पर भी मुहर लगेगी। इसमें निर्माण समिति सहित एलएंडटी व टाटा के कंसल्टेंट इंजीनियर और आइआइटी, चेन्नई समेत देश भर के कई अन्य विशेषज्ञ शामिल होंगे। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र दिल्ली से बैठक में शामिल होने आएंगे। वे दो दिनी प्रवास के दौरान ट्रस्ट के सदस्यों के साथ बैठक भी कर सकते हैं।

नींव की मजबूती के लिए होगा गहन विचार विर्मश : राम मंदिर निर्माण समिति बैठक में श्रीराम मंदिर की नींव की मजबूती के लिए विशेषज्ञों की ओर से तैयार प्रस्ताव पर गहन विचार विर्मश होगा और अंतिम प्रारूप पर मुहर लगेगी। नींव की मजबूती व उसमें प्रयुक्त की जाने वाली सामग्री के संयोजन के फार्मूले पर अंतिम फैसला किया जाना है। विशेषज्ञ मंदिर के परकोटे में निर्मित होने वाले भवन व पिलर्स के निर्माण के लिए मानचित्र के अनुरूप स्थल भी तय करेंगे। इसका जायजा लेंगे। टेस्ट पाइलिंग तैयार होने के बाद नींव की मजबूती पर अलग-अलग स्थानों पर बैठकों का दौर जारी है।

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