लखनऊ विश्वविद्यालय में अगले सत्र से नए ऑर्डिनेंस पर होगी PhD प्रवेश परीक्षा
कुलपति ने सभी डीन के साथ की बैठक। कमेटी गठित कर जल्द ऑर्डिनेंस तैयार किए जाने पर जोर।
लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विश्वविद्यालय बदलाव की दिशा में एक और कदम बढ़ाने जा रहा है। अगले सत्र होने वाली पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए नए सिरे से ऑर्डिनेंस तैयार किया जाएगा। साथ ही पीएचडी प्रवेश व्यवस्था को व्यापक बनाने के लिए देश के अन्य राज्यों में भी इसका प्रचार प्रसार किया जाएगा। ताकि राष्ट्रीय स्तर पर छात्र के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय का रुख करें।
कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने बताया कि जब सभी पुराने पाठ्यक्रम को च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत अपडेट करने का काम किया जा रहा। ऐसे में नए शैक्षिक सत्र नए ऑडिनेंस पर पीएचडी में दाखिले लिए जाएंगे। इसके लिए सभी डीन की कमेटी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें ऑर्डिनेंस तैयार करने के लिए निर्धारित समय भी दिया गया है। ताकि जुलाई 2020 में होने वाली पीएचडी प्रवेश परीक्षा को नए ऑर्डिनेंस से कराया जा सके।
शोध के लिए देश भर के संस्थानों को रिझाने पर जोर
उनका मानना है कि अगर विवि को शोध पत्र प्रकाशित करना है तो शोध छात्रों को मजबूत बनाना होगा। उनका दावा है कि देश भर के शिक्षा संस्थानों के छात्र लविवि से पीएचडी की पढ़ाई करने का रुख करें। इसके लिए देश भर के सभी विश्वविद्यालयों में पीएचडी के विज्ञापन को भेजा जाएगा। इसके अलावा कुलाधिपति के माध्यम से भी अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों में भी पीएचडी प्रवेश परीक्षा का प्रचार प्रसार किया जाएगा। उनका मानना है कि इस दिशा में किए जा रहे प्रयास में थोड़ी सफलता भी हासिल होती है तो वह विश्वविद्यालय के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। क्योंकि इससे लखनऊ विश्वविद्यालय को भी पूरे देश में ख्याति मिलेगी।