रात में एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल, मरीजों की जान पर बन आई आफत; साढ़े तीन घंटे बाद माने

डीएम-सीएमओ संग देर रात चली बैठक में निकला हल। कमेटी गठित 15 दिन में मांगों के निस्तारण के प्रयास का आश्वासन।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 10:05 AM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 10:05 AM (IST)
रात में एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल, मरीजों की जान पर बन आई आफत; साढ़े तीन घंटे बाद माने
रात में एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल, मरीजों की जान पर बन आई आफत; साढ़े तीन घंटे बाद माने

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना काल में एंबुलेंसकर्मी सोमवार को रात साढ़े आठ बजे से एक बार फिर से हड़ताल पर चले गए। दिन में सेवाप्रदाता एजेंसी के हेड ऑफिस पर प्रदर्शन किया। पुलिस ने इन्हें खदेड़ दिया। रात में अचानक पदाधिकारियों ने वाट्सएप ग्रुप पर कार्य बहिष्कार का एलान कर दिया। वाहन खड़े होने से मरीजों की जान पर आफत बन आई। इस पर तुरंत सक्रिय हुए डीएम अभिषेक प्रकाश, सीएमओ ने देर रात पदाधिकारियों के साथ बैठक की। रात 11 बजे तक चली बैठक में डीएम द्वारा कमेटी गठित करने और 15 दिन में एंबुलेंस कर्मियों की मांगों के निस्तारण के आश्वासन पर हड़ताल खत्म हुई।

राजधानी में 108 सेवा की 44 और 102 की 34 एंबुलेंस हैं। चार एडवांस लाइफ सपोर्ट वाली एंबुलेंस है। 108 एंबुलेंस से कोरोना मरीजों की अस्पताल में शिफ्टिंग की जा रही है। जीवनदायिनी एंबुलेंस संघ के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान प्रसाद पांडेय ने कंपनी पर मानदेय में मनमानी कटौती, प्र शिक्षण के नाम पर 40 हजार का ड्राफ्ट लेकर तैनाती न देना समेत ओवर टाइम ड्यूटी कराकर शोषण का आरोप लगाया। उनके मुताबिक मांगें न मानने पर रात साढ़े आठ बजे से हड़ताल का एलान किया। इमरजेंसी केस के लिए हर जिले में दो-दो एंबुलेंस चलती रहीं।

अफसरों ने दिया अल्टीमेटम, मिला-जुला असर

एंबुलेंस हड़ताल पर स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन के अफसर अलर्ट हो गए। रात में ही पदाधिकारियों संग बैठक की। सेवा प्रदाता कंपनी को हर हाल में सेवाएं बहाल करने का अल्टीमेटम भी दिया। हालांकि, इस दौरान कहीं-कहीं हड़ताल बेअसर भी रही। महामंत्री बृजेश कुमार के मुताबिक डीएम ने कमेटी बनाई है। 15 दिनों में एंबुलेंस कर्मियों की मांगों पर निस्तारण का प्रयास का भरोसा दिया है। मामले से जुड़े सभी फैसले दो माह के अंदर लागू होंगे।

'रात में हड़ताल के एलान की जानकारी मिली। लखनऊ के सभी वाहन चलते रहे हैं। पदाधिकारियों से वार्ता भी की गई। उनकी अधिकतर समस्याओं को हल कर दिया गया है।' -सुनील यादव, प्रवक्ता-एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी 

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