भर्ती नहीं हो पा रहे मरीजों, तीमारदारों ने ओपीडी में जमाया डेरा

लोहिया संस्थान में कई मरीजों को नहीं मिल पा रहा बेड, ओपीडी परिसर में मरीजों के साथ रात काट रहे तीमारदार।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 08:48 PM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 08:48 PM (IST)
भर्ती नहीं हो पा रहे मरीजों, तीमारदारों ने ओपीडी में जमाया डेरा
भर्ती नहीं हो पा रहे मरीजों, तीमारदारों ने ओपीडी में जमाया डेरा

लखनऊ (जेएनएन)। बस्ती की रहने वाली माया (25) को स्पाइन प्राब्लम है। उनकी हड्डी से पानी बाहर आता है। उनके तीमारदारों ने डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के ऑर्थोपेडिक विभाग की ओपीडी में डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने जांच-दवा लिख दी। तीमारदार ने डॉक्टर से उसे भर्ती करने गुजारिश की पर उसे बेड नहीं मिल सका।

लोहिया संस्थान के ओपीडी परिसर में माया जैसे कई गंभीर मरीज बेड मिलने के इंतजार में डेरा जमाए हैं। हर सुबह ओपीडी में डॉक्टर को दिखाते हैं और फिर ओपीडी परिसर में चद्दर डालकर दिनों तक पड़े रहते हैं। बहराइच के रामराज (55) का कहना है कि उन्हें गाल में कैंसर है। परिजन उसे कीमोथेरेपी के लिए शुक्रवार सुबह लोहिया संस्थान की ओपीडी में लाए थे। ओपीडी में दिखाया, पर भर्ती नहीं किया। 

लोहिया संस्थान में करीब 350 बेड व 126 डॉक्टर तैनात हैं। संस्थान की ओपीडी में प्रतिदिन करीब दो हजार से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इनमें कई गंभीर रोगियों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में मरीज मजबूरन केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर जा रहे हैं। डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल व लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के विलय की कवायद से इमरजेंसी सेवाओं में सुधार की सम्भावनाएं बलवती हुई थीं। लेकिन अभी यहां इमरजेंसी सेवाएं नहीं शुरू हो सकी हैं। 

लोहिया संस्थान के निदेशक दीपक मालवीय ने बताया कि संस्थान में बेड फुल हैं। हालांकि डॉक्टर के लिखने पर गंभीर मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था की जाती है। मरीजों के ओपीडी में डेरा जमाने की जानकारी करूंगा।

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