'सावधान! बोतल के पानी के साथ हम आॅक्सीजन भी खरीदेंगे'

ग्रीन गुड डीड विषयक सत्र में पद्मश्री अनिल प्रकाश जोशी ने चेताया। कहा, आजादी के बाद तेजी से बर्बाद किया जा रहा है जंगल और नदियां को। केवल ग्रीन गुड डीड के नियमों का पालन बचाएगा प्रकृति को।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 06 Oct 2018 01:34 PM (IST) Updated:Sat, 06 Oct 2018 01:39 PM (IST)
'सावधान! बोतल के पानी के साथ हम आॅक्सीजन भी खरीदेंगे'
'सावधान! बोतल के पानी के साथ हम आॅक्सीजन भी खरीदेंगे'

लखनऊ, जागरण संवाददाता। देश में हर सेकेंड में डेढ़ एकड़ जंगल साफ हो रहा है। आजादी के बाद मिट्टी की ऊपरी परत 50 फीसद कम हो चुकी है। यही हाल रहा तो आज लोग बोतल का पानी पी रहे हैं मगर आने वाले समय में हम आक्सीजन के छोटे-छोटे सिलेंडर भी खरीदेंगे। यह बातें पद्मश्री पुरस्कार विजेता अनिल प्रकाश जोशी ने साइंस फेस्टिवल में ग्रीन गुड्स डीड विषय पर आयोजित सेमिनार कहीं।

जोशी ने कहा कि प्रकृति को जोड़कर जीवन को सोचिए। उत्तराखंड में बड़ी त्रासदी हुई थी। 25000 लोग एक झटके में मर गए। भागीरथी नदी ने लोगों को निगल लिया था। किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए। ये सारी विपदाएं केवल प्रकृति की नाराजगी है। हम प्रकृति के विज्ञान को आजतक नहीं समझ पाए ये हमारी बड़ी भूल यही है। जंगल प्रकृति का उद्योग है। वनों में धीरे-धीरे बहुत बदलाव हुए हैं। हर सेकेंड में डेढ़ एकड़ जंगल साफ हो रहे हैं। पिछले पचास साल में मिट्टी की ऊपरी आधी परत खो चुकी है। नदियां खत्म हो रही हैं। जिन नदियों को हम मां कह रहे हैं उनका ये हाल है। इलाहाबाद कुंभ में संगम प्रदूषित है। अगर नदियां नहीं होंगी तो कुछ नहीं बचेगा। नदी शरीर की धमनी की तरह हैं। धमनी बंद होगी तो दुनिया का दिल बंद हो जाएगा। उन्‍होंने कहा कि हमने बचपन में कभी कल्पना नहीं कि थी कि पानी बोतलों में बिकेगा। मगर आज पानी का व्यापार हो रहा है। कुछ समय मे आॅक्सीजन का कारोबार भी शुरू होगा। हवा भी हमारा साथ छोड़ रही है।

पर्यावरण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव एके मेहता ने ग्रीन गुड डीड्स विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये अभियान बहुत छोटे-छोटे संकल्पों को लेकर गढ़ा गया है। आप पाॅलीथिन का उपयोग बंद करें। घर, स्कूल, दफ्तर या किसी सार्वजनिक जगह पर पौधरोपण कर दें। एलईडी बल्ब का उपयोग करें। पानी बचाएं। ये सब ग्रीन गुड डीड हैं। हम इस अभियान में सबसे पहले देश भर के स्कूलों को जोड़ रहे हैं। जिसमें हम वंचित वर्ग के जो बच्चे अच्छा काम करेंगे उनको एक्सपोजर के लिए विदेश यात्रा भी करवाएंगे। ब्यूरो ऑफ एनर्जी इफिशिएनशी के विशेषज्ञ अशोक कुमार ने बताया कि एलईडी के उपयोग का अभियान पूरे देश में पर्यावरण को बचाने में लगा हुआ है। एलईडी तकनीक से बिजली की अभूतपूर्व बचत हो रही है। जिससे बिजली बनाने के लिए कोयले का उपयोग कम हो रहा है। प्रोफेसर सीआर बाबू ने भी इस कार्यक्रम में मौजूद स्कूली बच्चों को ग्रीन गुड डीड्स के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी।

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