Rajiv Gandhi Jayanti: राजीव गांधी के बहाने युवाओं को साधेगी कांग्रेस, अनुसूचित जाति-जनजाति पर भी डालेगी डोरे

Rajiv Gandhi Birth Anniversary कांग्रेस पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर 20 अगस्त को पार्टी जिला ब्लाक व गांव स्तर पर झांकी कवि सम्मेलन और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से राजीव गांधी के योगदान को जन-जन तक पहुंचाएगी।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 19 Aug 2022 12:17 AM (IST) Updated:Fri, 19 Aug 2022 12:17 AM (IST)
Rajiv Gandhi Jayanti: राजीव गांधी के बहाने युवाओं को साधेगी कांग्रेस, अनुसूचित जाति-जनजाति पर भी डालेगी डोरे
Rajiv Gandhi Birth Anniversary: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर उनके योगदान को जन-जन तक पहुंचाने की तैयारी।

UP News: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस पार्टी (Congress) पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती (Rajiv Gandhi Birth Anniversary) पर 20 अगस्त को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों, ब्लाक व गांवों में लोगों के बीच उनके योगदान, उपलब्धियों और बलिदान को बताएगी। इसके जरिये पार्टी युवाओं को साधने की कोशिश करेगी। अपने पुराने वोट बैंक रहे अनुसूचित जाति/जनजाति पर भी डोरे डालने का प्रयास करेगी।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने गुरुवार को बताया कि 20 अगस्त को पार्टी जिला, ब्लाक व गांव स्तर पर झांकी, कवि सम्मेलन और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से राजीव गांधी के योगदान को जन-जन तक पहुंचाएगी।

पार्टी कार्यकर्ता लोगों को बताएंगे कि ग्रामीण क्षेत्र के होनहार विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के लिए राजीव गांधी ने देश भर में 600 जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना की। लोकतंत्र में युवाओं को ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व देने के लिए उनकी पहल पर मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की गई।

संचार क्रांति के माध्यम से मोबाइल फोन और कंप्यूटर को घर पहुंचाने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। पंचायती राज अधिनियम को लागू करा कर उन्होंने पंचायतों को अधिकार संपन्न बनाया। राजनीतिक भ्रष्टाचार को रोकने और सरकार बनाने के लिए सांसदों विधायकों की खरीद-फरोख्त की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए दलबदल कानून भी उन्हीं की पहल पर अस्तित्व में आया।

समाज के कमजोर तबके को कानूनी सुरक्षा देने के लिए उनकी पहल पर ही अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम लागू किया गया। देश के विभिन्न प्रांतों में शांति और सद्भाव स्थापित करने के लिए उन्होंने असम, पंजाब और मिजोरम समझौते कराए।

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