अगले सप्ताह से बंद होगी ब्रिटिशकालीन व्यवस्था, अब तिजोरी से नहीं आएगा रेलवे का खजाना

ब्रिटिशकालीन तिजोरी की व्यवस्था जो अब जल्द ही समाप्त हो जाएगी। बैंकों में जमा होगी टिकट और पार्सल से होने वाली कमाई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 31 Aug 2018 12:59 PM (IST) Updated:Fri, 31 Aug 2018 01:02 PM (IST)
अगले सप्ताह से बंद होगी ब्रिटिशकालीन व्यवस्था, अब तिजोरी से नहीं आएगा रेलवे का खजाना
अगले सप्ताह से बंद होगी ब्रिटिशकालीन व्यवस्था, अब तिजोरी से नहीं आएगा रेलवे का खजाना

लखनऊ [निशात यादव]। छोटे रेलवे स्टेशनों की होने वाले आय को रोजाना ट्रेनों में तिजोरी में रखकर लखनऊ लाने की ब्रिटिशकालीन परंपरा जल्द ही इतिहास बन जाएगी। रेलवे तिजोरी में अपने कैश को लाने की व्यवस्था को बंद करने जा रहा है। अगले सप्ताह से यह काम राष्ट्रीयकृत बैंक करेंगे। इसके लिए रेलवे ने एक बैंक के साथ एमओयू की प्रक्रिया पूरी कर ली है। रेलवे अब तक अपने सभी छोटे स्टेशनों से प्रतिदिन वहा की होने वाली टिकट और पार्सल की आय को पैसेंजर ट्रेनों के जरिए लखनऊ पहुंचाता है। पैसेंजर ट्रेनों में गार्ड के पास भारी भरकम तिजोरी होती है, जिसमें हर छोटे स्टेशन से प्राप्त की गई रकम को जमा किया जाता है। यह रुपया पैसेंजर ट्रेनों के लखनऊ पहुंचने के बाद तिजोरी सहित उतारा जाता है। जिसे लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर स्थित कैश एंड पे ऑफिस में जमा किया जाता है। अब रेलवे जिस बैंक के साथ एमओयू करेगा, वहीं बैंक रोजाना हर छोटे स्टेशनों से रेलवे की होने वाली आय को एकत्र कर उसे अपने बैंक में जमा करेगी। तिजोरी का वजन अधिक होता है जिससे उसे चढ़ाने और उतारने में भी कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

इसके अलावा तिजोरी की सुरक्षा भी रेलवे के लिए एक चुनौती है। रेलकर्मियों का वेतन अब बैंक खातों में पहुंचता है जिससे कैश एंड पे ऑफिस में वेतन का काम पहले ही बंद हो गया था। अब कैश ऑफिस को भी तिजोरी की व्यवस्था समाप्त होने के बाद बंद कर दिया जाएगा। क्या कहना है अफसर का?

लखनऊ सीनियर डीसीएम जगतोष शुक्ल का कहना है कि छोटे स्टेशनों पर होने वाली आय को रोजाना लखनऊ लाने की व्यवस्था ब्रिटिशकालीन है। अब यह काम बैंक को दिया जाएगा। उत्तर रेलवे में लखनऊ पहला मंडल है जहा यह नई व्यवस्था शुरू होने वाली है।

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