अब पूरे होंगे युवाओं के विदेश जाने के सपने, लखनऊ में खुला यूपी का पहला विशेष प्रशिक्षण केंद्र

विदेश जाने वाले युवा कामगारों को न केवल विदेशी संस्कृति से रूबरू कराया जाएगा बल्कि उस देश के नियम और बोलचाल की भाषा का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। केंद्र सरकार के स्किल इंडिया के तहत राष्ट्रीय कौशल विकास की पहल पर सूबे का पहला प्रशिक्षण केंद्र लखनऊ में शुरू होगा।

By Dharmendra MishraEdited By: Publish:Sat, 11 Dec 2021 09:38 AM (IST) Updated:Sun, 12 Dec 2021 07:31 AM (IST)
अब पूरे होंगे युवाओं के विदेश जाने के सपने, लखनऊ में खुला यूपी का पहला विशेष प्रशिक्षण केंद्र
विदेश में युवाओं को नौकरी के लिए लखनऊ के कानपुर रोड पर खुला पहला प्रशिक्षण केंद्र।

लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय] । तहजीब के शहर-ए-लखनऊ की संस्कृति का परचम विदेशों में भी लहराएगा। विदेश जाने वाले युवा कामगारों को न केवल विदेशी संस्कृति से रूबरू कराया जाएगा, बल्कि उस देश के नियम और बोलचाल की भाषा का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। केंद्र सरकार के स्किल इंडिया के तहत राष्ट्रीय कौशल विकास निगम की पहल पर सूबे का पहला प्रशिक्षण केंद्र कानपुर रोड मानसरोवर मार्केट के पास एक निजी कोचिंग संस्थान में शुरू होगा। सरकारी प्रावधानों के अधीन इस प्रशिक्षण केंद्र में लखनऊ ही नहीं प्रदेश के हर जिले के युवा कामगारों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

अन्य प्रदेश के सापेक्ष विदेश जाने वाले कामगार युवाओं की संख्या अधिक है। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों पर गौर करें तो कोरोना काल को छोड़कर पांच वर्षों में प्रदेश से 1.10 लाख युवा विदेश में काम करने के लिए गए हैं। श्रमिकों के साथ ही ड्राइवर की नौकरी के लिए खाड़ी देशों में जाने वालों की संख्या अन्य देशों के मुकाबले अधिक है। ऐसे में यहां के युवाओं को विदेश में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए वहां की संस्कृति की पाठशाला लगाई जाएगी।

भाषा और रहन सहन की मिलेगी जानकारीः फगानिस्तान, बहरीन, इंडोनेशिया, इराक, जॉर्डन, लेबनान, लीबिया, मलेशिया, ओमान, कतर, सूडान, दक्षिण सूडान, सीरिया, सउदी अरब, यूएई, थाईलैंड व यमन देशों में जाने वाले कामगारों की संख्या अधिक है। सउदी अरब में अन्य देशों के मुकाबले अधिक युवा नौकरी के लिए जाते हैं। जिस देश में जा रहे हैं वहां की आम बोलचाल की भाषा और व्यवहार पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने कामगारों को प्रशिक्षण लेना अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में कामगारों के उस देश के नियम कानून बताने के साथ ही वहां की आम बोल चाल की भाषा के बारे में भी बताया जाएगा। जैसे अरब में घर को बैत कहते हैं। डॉक्टर को तबीब, अस्पताल को मुस्तशफा, एयरपोर्ट को मतार, हेलो को मरहबा, पहले को काबल, कभी नहीं को अबा दान समेत कई आम बोली को वहां की भाषा में बताया जाता है। किसी भी तरह की परेशानी होने पर भारतीय दूतावास से संपर्क करने और नियमों की पूरी जानकारी निश्शुल्क दी जाती है।

 राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के राज्य प्रभारी प्रशिक्षण प्रशांत कटियार ने बताया कि विदेश में जाने वाले युवाओं को वहां की संस्कृति से रूबरू कराने के लिए स्किल्ड इंडिया के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राजधानी में पहला सेंटर स्थापित किया गया है। महेंद्र कोचिंग के साथ मिलकर प्रशिक्षण दे रहे हैं। गोरखपुर में भी प्रशिक्षण की तैयारी की जा रही है। इससे युवाओं को काफी लाभ मिलेगा।

इन बातों का रखें ध्यानः

-विदेश जाने से पहले पंजीकृत एजेंटों से ही बीजा प्राप्त करें।

-पासपोर्ट के बगैर विदेश भेजने के बहकावे में कभी न आएं।

-वैध बीजा दस्तावेतों के साथ ही विदेश में काम करने के लिए जाएं।

-विदेश में धरना प्रदर्शन, हड़ताल, चोरी, अश्लील हरकत करने पर वहां के कानून के अनुसार सजा होगी, ऐसे में सतर्क रहें।

-कौशल विकास योजना के तहत निश्शुल्क प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवा भी नियमों के साथ विदेश में नौकरी के लिए जा सकते हैं।

-विदेश में श्रम कानून का पालन वहां के नियमों के अधीन होगा।

-जाने से पहले प्रवासी भारतीय बीमा योजना के तहत बीमा अवश्य कराएं।

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