यूपी में लगभग थमी श्रमिक-कामगार आने की रफ्तार, अब तक 32 लाख को ला चुकी है सरकार

योगी सरकार का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट की जो मंशा है उस पर पहले ही यूपी में काम शुरू हो गया और अब प्रवासी श्रमिक-कामगारों के आने की रफ्तार भी लगभग थम चुकी है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 09 Jun 2020 10:48 PM (IST) Updated:Tue, 09 Jun 2020 10:49 PM (IST)
यूपी में लगभग थमी श्रमिक-कामगार आने की रफ्तार, अब तक 32 लाख को ला चुकी है सरकार
यूपी में लगभग थमी श्रमिक-कामगार आने की रफ्तार, अब तक 32 लाख को ला चुकी है सरकार

लखनऊ, जेएनएन। लॉकडाउन की वजह से विभिन्न राज्यों में फंसे श्रमिक-कामगारों के प्रति चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पंद्रह दिन में गृह जिलों में पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही रोजगार के प्रबंध के लिए भी कहा है। इन निर्देशों को लेकर फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह तनाव मुक्त है। योगी सरकार का दावा है कि न्यायालय की जो मंशा है, उस पर पहले ही यूपी में काम शुरू हो गया और अब प्रवासी श्रमिक-कामगारों के आने की रफ्तार भी लगभग थम चुकी है।

कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन हुआ तो श्रमिक-कामगार जहां के तहां फंस गए। तमाम लोग पैदल घरों को निकल पड़े, हादसे हुए। वहीं, केंद्र सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाईं तो भी कई राज्यों के साथ तालमेल गड़बड़ाया और गरीबों को परेशानी झेलनी पड़ी। पिछले दिनों श्रमिक-कामगारों का मुद्दा काफी छाया रहा। यूपी में तो इस पर राजनीति भी खूब गर्मायी। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को निर्देश दिए कि सभी श्रमिक-कामगारों को सूचीबद्ध कर पंद्रह दिन के अंदर उनके घर पहुंचाएं। वहीं, राज्य सरकारें इन्हें रोजगार देने की योजना भी बताएं।

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि प्रदेश सरकार ने इस दिशा में पहल करते हुए प्रवासी श्रमिक-कामगारों को वापस लाने का फैसला सबसे पहले करते हुए हजारों बसें लगाईं, ट्रेनों की व्यवस्था की। इस तरह लगातार व्यवस्था की निगरानी करते हुए विभिन्न राज्यों से अब तक करीब 32 लाख श्रमिक-कामगार वापस लाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि अब भी एक-दो ट्रेनें आ रही हैं लेकिन, श्रमिक-कामगार न के बराबर आ रहे हैं। अब यदि धीरे-धीरे कर बहुत लोग आएंगे तो भी उनकी संख्या दस-पंद्रह हजार से अधिक न हो सकेगी।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि सभी श्रमिक-कामगारों के रोजगार की व्यवस्था भी की जा रही है। लाखों श्रमिकों को मनरेगा में प्रतिदिन काम दिया जा रहा है। उद्योग-कारखानों में 11 लाख को रोजगार देने के लिए औद्योगिक संस्थाओं के साथ सरकार का करार हो चुका है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रमिकों के रोजगार, उनके आर्थिक-सामाजिक अधिकार सुरक्षित करने के लिए आयोग का गठन कर रहे हैं।

32 लाख से अधिक श्रमिकों व कामगारों की स्किल मैंपिंग बाहर से आए मजदूरों व कामगारों की स्किलिंग कराकर सरकार उन्हें उनके हुनर के हिसाब से रोजगार दिलाने का प्रयास कर रही है। स्किल मैपिंग से हुनरमंद कामगारों को उनके मुताबिक काम मिल सकेगा। इसके लिए सरकार अभी तक लगभग 32 लाख से अधिक श्रमिकों व कामगारों की स्किल मैंपिंग करा चुकी है। इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान स्वयं सहायता समूहों की मदद से प्रदेश में मास्क, सैनिटाइजर व पीपीई किट बनवाई।

29 हजार महिलाओं को स्वयंसहायता समूहों से रोजगार : सरकार का दावा है कि उत्तर प्रदेश में अब तक कुल 360187 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है। ऐसे में बाहर से आए मजदूरों व कामगारों को इनसे भी जोड़ते हुए करीब 29, 254 महिलाओं को रोजगार दिया गया है। वहीं, कुछ जिले ऐसे भी हैं जहां सबसे ज्यादा प्रवासी महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया है। आगरा में 1615, गोरखपुर में 1573, हमीरपुर में 1012, मथुरा में 3102, मुरादाबाद में 2781, प्रयागराज में 2038 महिलाओं को रोजगार दिया गया है। इस तरह योगी सरकार बाहर से आए 17 लाख मजदूरों व कामगारों को रोजगार देने का खाका तैयार कर चुकी है।

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