अब पराली नहीं रहेगी मुसीबत, बनाये जा सकेंगे ईको फ्रेंडली घर

ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद सरस्वती ने पराली के इस्तेमाल से झोपडिय़ों को पक्के मकान में बदलने का फार्मूला तैयार किया है।

By Ashish MishraEdited By: Publish:Thu, 11 Oct 2018 10:11 AM (IST) Updated:Thu, 11 Oct 2018 10:14 AM (IST)
अब पराली नहीं रहेगी मुसीबत, बनाये जा सकेंगे ईको फ्रेंडली घर
अब पराली नहीं रहेगी मुसीबत, बनाये जा सकेंगे ईको फ्रेंडली घर

लखनऊ [अमित मिश्र]। दिल्ली-एनसीआर से लेकर हरियाणा-पंजाब तक जिस पराली को लेकर हंगामा मचा है, वह अगले साल से इस कदर कीमती हो जाएगी कि किसान अपने खेतों में इसे जलाने की बजाय ऊंचे दाम पर बेचेंगे। ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद सरस्वती ने पराली के इस्तेमाल से झोपडिय़ों को पक्के मकान में बदलने का फार्मूला तैयार किया है।

उनका दावा है कि दो से सात दिनों में तैयार होने वाला यह घर 50 साल की गारंटी के साथ पूरी तरह ईको फ्रेंडली होगा। पराली से ऐसे छोटे ब्लॉक तैयार होंगे, जिनसे पक्के मकान बनाये जा सकेंगे। यह मकान वाटरप्रूफ होंगे और इनमें करीब 1100 सेल्सियस तक तापमान सहन करने की क्षमता होगी। इन ब्लॉक से बनी दीवारों और छत को पानी गीला तक नहीं कर पाएगा, जबकि इसमें न तो दीमक लगने का खतरा होगा और ही भूकंप से इसके गिर जाने का डर होगा। अबकी कुंभ में स्वामी चिदानंद एक फिल्म के जरिये यह तकनीक लोगों के सामने रखने जा रहे हैैं।

वह कहते हैैं कि इससे किसानों के लिए पराली जहां समस्या की बजाय संपत्ति बन जाएगी, वहीं पराली जलाने से खड़ी होने वाली पर्यावरण प्रदूषण की समस्या भी खत्म हो जाएगी। पराली से बनने वाले मकानों के भीतर तापमान भी बाहर के मुकाबले 10 डिग्री कम होगा।

स्वामी चिदानंद बताते हैं कि पराली से ब्लॉक बनाने की मशीनें भारत में तैयार हो रही हैं। इन ब्लॉक के जरिये महज तीन लाख रुपये में 300 वर्गफीट का मकान तैयार किया जा सकेगा। इसमें भी दो लाख रुपये तक की मदद प्रधानमंत्री आवास योजना से हो सकती है। उनका मानना है कि इससे पराली के साथ झुग्गी-झोपड़ी वाले स्लम एरिया का भी रूपांतरण हो जाएगा।

गोमती किनारे फेंसिंग का प्रस्ताव

स्वामी चिंदानंद बताते हैैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनकी वार्ता गोमती नदी किनारे दोनों तरफ फेंसिंग लगाने पर भी हो रही है। लखनऊ में 11 किलोमीटर की लंबाई में यह फेंसिंग गोमती में गंदगी और कूड़ा पहुंचने से रोकेगी। मुख्यमंत्री को स्वामी चिदानंद ने फेंसिंग के प्रत्येक पोल पर सोलर लाइट लगाने का भी प्रस्ताव दिया है, जिससे बिजली के खर्च के बिना गोमती किनारे रात में जगमगाएंगे। 

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